• Privacy Policy
  • About Us
  • Advertisement
  • Contact Us
  • GSTIN – 05AVXPS9385G2Z1
डोब्रे  न्यूज़
Advertisement
  • होम
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • खेल
  • अध्यात्म
  • उत्तराखंड प्रदेश
  • मनोरंजन
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • व्यापार
  • Become A Reporter
  • Live TV
  • Membership
  • राष्ट्रीय रोजगार आंदोलन रजिस्टर
No Result
View All Result
  • होम
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • खेल
  • अध्यात्म
  • उत्तराखंड प्रदेश
  • मनोरंजन
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • व्यापार
  • Become A Reporter
  • Live TV
  • Membership
  • राष्ट्रीय रोजगार आंदोलन रजिस्टर
No Result
View All Result
Dobry News Logo
No Result
View All Result
Home अन्तराष्ट्रीय

देवभूमि उत्तराखंड के मंदिरों में भगवान शिव विभिन्न रूपों में हैं साक्षात विराजमान

dobrynews_alti7a by dobrynews_alti7a
March 10, 2021
in अन्तराष्ट्रीय, उत्तराखंड, उत्तराखंड प्रदेश, राज्य, राज्य, राष्ट्रीय
0
देवभूमि उत्तराखंड के मंदिरों में भगवान शिव विभिन्न रूपों में हैं साक्षात विराजमान
0
SHARES
16
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

देहरादून। उत्तराखंड के विभिन्न मंदिरों में देवों के देव महादेव की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हरसाल लाखों श्रद्धालु आते हैं। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग की ओर से 24 शिव मंदिरों को धार्मिक पर्यटन के रूप में तैयार किया है। देवभूमि के 24 शिव मंदिरों में भगवान शिव साक्षात विराजमान हैं। जहां शिव की भक्ती में तल्लीन होकर उनकी विधि विधान से पूजा अर्चना की जा सकती है। देवभूमि उत्तराखंड को शिव की भूमि कहा गया है। यहीं कैलास पर शिव का वास है और यहीं कनखल (हरिद्वार) व हिमालय में ससुराल। आद्य शंकराचार्य के उत्तराखंड आने से पूर्व यहां शैव मत का ही बोल बाला रहा है और सभी लोग भगवान शिव के उपासक थे। आज भी शिव विभिन्न रूपों में उत्तराखंड के आराध्य देव हैं।

पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के मंदिरों में भगवान शिव विभिन्न रूपों में साक्षात विराजमान हैं। महाशिवरात्रि के अवसर पर गुरूवार को महाकुंभ का शाही स्नान भी हो रहा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान कर भगवान शिव का स्मरण करेंगे। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि के महापर्व के मौके पर श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाने में हमारे सहभागी बनें। उन्होंने कहा कि राज्य में आने वाले हर एक शिवभक्त का उत्तराखंड सरकार स्वागत करती है। पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि आस्था के महापर्व शिवरात्रि के दिन उत्तराखंड के मंदिरों में आने वाले शिव भक्तों का हम स्वागत करते हैं। उत्तराखंड के कण-कण में भगवान शिव साक्षात रूप से विराजमान हैं। यहां के मंदिर आस्था ही नहीं आर्थिकी का भी केंद्र हैं। इन मंदिरों से हजारों लोगों की आर्थिकी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से जुड़ी हुई है। उत्तराखण्ड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शैव सर्किट में गढ़वाल मण्डल से 12 व कुमाऊँ मण्डल से 12 प्राचीन मंदिरों को समावित किया गया है।

गढ़वाल मण्डल के 12 प्राचीन शिव मंदिर

1-एकेश्वर महादेव, पौड़ी-यह भगवान शिव को समर्पित विख्यात और महत्वपूर्ण सिद्धपीठों में से एक है। पर्वित्र परिसर के अन्दर वैष्णों देवी और भैरवनाथ जी को समर्पित मंदिर भी शामिल है। एकेश्वर महादेव को स्थानीय भाषा में ‘इगासर महादेव’ के नाम से भी जाना जाता है।

2-केदारनाथ, रूद्रप्रयाग-मन्दाकिनी नदी के किनारे समुद्र तट से लगभग 3584 मी की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर शिव के धाम के नाम से बिख्यात है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से, इस धाम में एक ज्योतिर्लिंग यह है।

3-मदमहेश्वर, ऊखीमठ-चैखम्भा की गोद में समुद्र तल से 9700 फीट की ऊंचाई पर यह मन्दिर अवस्थित है, जो ऊखीमठ से 30 किमी0 की दूरी पर है। पंचकेदार के नाम से विख्यात भगवान शिव के पाँच पावन धाम में से मदमहेश्वर दूसरा पावन धाम है। यहाँ भगवान शिव की नाभि की पूजा की जाती है।

4-तुंगनाथ, चोपता-पंच केदारांे में तृतीय केदार तुंगनाथ समुद्र तल से 12070 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। भगवान तुंगनाथ मन्दिर में भगवान शिव की भुजाओं की पूजा अर्चना की जाती है। मंदिर के निकट ही रावण शिला भी स्थित है जिसके विषय में यह मान्यता है कि लंकापति रावण ने इस शिला पर भगवान शिव की तपस्या की थी।

5-रूद्रनाथ, चमोली-चमोली में चतुर्थ केदार के रूप में श्री रूद्रनाथ मंदिर में भगवान शिव के एकानन यानि मुख स्वरूप की पूजा की जाती है। यहां पर भगवान शिव रौद्र रूप में पूजनीय है। मंदिर तीनों ओर कुण्डों से घिरा है। यहां पर सूर्यकुण्ड, चन्द्रकुण्ड, ताराकुण्ड व मानसकुण्ड स्थित हैं।

6-कोटेश्वर महादेव, टिहरी-विकासखण्ड नरेन्द्रनगर के चाका में भागीरथी नदी के तट पर अवस्थित है। मंदिर में स्वयं भू शिवलिंग है। संतानहीन दंपत्तियों को भगवान शिव का आशीष मिलता है और उनकी मनोकामनाऐं पूर्ण होती है।

7-काशी विश्वनाथ, उत्तरकाशी-विश्वनाथ मंदिर या काशी विश्वनाथ मंदिर सबसे प्रसिद्ध और प्राचीन हिंदू मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। यह उत्तरकाशी जिले में भागीरथी नदी के तट पर लगभग 150 वर्ष पूर्व निर्मित हुआ है। ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व के अनुसार यह मंदिर साधना और शान्ति का प्रतीक है।

8-दक्ष प्रजापति, हरिद्वार-हरिद्वार जिले के उपनगर कनखल में स्थित दक्ष मंदिर भगवान शिव के अनुयायियोंध्शिव भक्तों के लिए एक मुख्य तीर्थस्थल है। कनखल भगवान शिव की सुसराल कहलाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव की पत्नी सती के पिता दक्ष प्रजापति ने इस स्थान पर यज्ञ किया था।

9-शिव मंदिर टिब्बरसैंण, चमोली-टिब्बरसैंण महादेव की इस आध्यात्मिक गुफा में एक प्राकृतिक शिवलिंग बनता है। यहाँ स्थानीय निवासी भगवान शिव लिंग के दर्शन करने आते हैं और गर्मी के मौसम में भगवान शिव को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। बाबा बर्फानी की ये गुफा चमोली के अंतिम गांव नीति से सात सौ मीटर की दूरी पर मौजूद है।

10-बिनसर मंदिर, पौड़ी-बिनसर मंदिर में हर साल ‘वैकुण्ड चतुर्दशी’ और कार्तिक पूर्णिमा पर मेले का आयोजन किया जाता है। इस मंदिर को लेकर यह माना जाता है कि यह मंदिर महाराजा पृथ्वी ने अपने पिता बिन्दु की याद में बनवाया था। इस मंदिर को बिंदेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

11-ताड़केश्वर महादेव (लैंसड़ाउन)-ताड़केश्वर महादेव मंदिर टिहरी के लैंसडाउन क्षेत्र में स्थित पवित्र धार्मिक स्थान है। ताड़केश्वर महादेव मंदिर भगवान् शिवजी को समर्पित है। ताड़केश्वर महादेव मंदिर सिद्धपीठों में से एक है और इसे एक पवित्र स्थल माना जाता है।

12-लाखामण्डल शिव मंदिर, देहरादून-देहरादून से कुछ दूरी पर लाखामंडल नामक स्थान पर लाखामण्डल शिव मंदिर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार महाभारत काल में यहां पांडवों को जलाकर मारने के लिए दुर्योधन ने लाक्षागृह बनाया था। अज्ञातवास के दौरान युधिष्ठर ने शिवलिंग की स्थापना इसी स्थान पर की थी। जो मंदिर में आज भी मौजूद है। मौजूद शिवलिंग को महामुडेश्वर के नाम से जाना जाता है।

कुमाऊँ मण्डल के 12 प्राचीन शिव मंदिर

1-जागेश्वर महादेव, अल्मोड़ा-अल्मोड़ा से 38 कि.मी की दूरी पर बसा जागेश्वर धाम इस परिक्षेत्र का प्रमुख धार्मिक एवं प्राकृतिक पर्यटन स्थली है। लोक विश्वास और लिंग पुराण के अनुसार जागेश्वर संसार के पालनहार भगवन विष्णु द्वारा स्थापित बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह शैव धर्म के पारंपरिक धामों में से एक है।

2-बिनसर महादेव मंदिर रानीखेत-भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर का निर्माण 10वीं सदी में किया गया था। बिनसर महादेव मंदिर अपने पुरातात्विक महत्व और वनस्पति के लिये लोकप्रिय है। यह मंदिर रानीखेत से लगभग 20 किमी0 की दूरी पर स्थित है।

3-कपिलेश्वर मंदिर, अल्मोड़ा-अल्मोड़ा नगर से लगभग 12 किमी दक्षिण पूर्व में सिमल्टी नामक गांव के निकट शिव मंदिर कपिलेश्वर स्थित है। इसकी ऊंचाई लगभग 37 फिट आंकी गयी है। इस मंदिर का विशेष आर्कषण इसकी अलंकृत रचनाऐं हैं, जिन पर अनेक पाश्र्व देवता अंकित हैं।

4-पाताल भुवनेश्वर, पिथौरागढ़-पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में स्थित पाताल भुवनेश्वर गुफा किसी आश्चर्य से कम नहीं है। भारत के प्राचीनतम ग्रन्थ स्कंध पुराण के अनुसार पाताल भुवनेश्वर की गुफा के सामने पत्थरों से बना एक-एक शिल्प तमाम रहस्यों को खुद में समेटे हुए हैं। इस गुफा में पानी की धारा लगातार शिवलिंग का अभिषेक करती रहती है।

5- थलकेदार मंदिर, पिथौरागढ़-थलकेदार पहाड़ी के शिखर पर समुद्र तल से 2000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह धार्मिक स्थान अपने शिवलिंग के लिये सबसे अधिक प्रसिद्ध है, जिसे हजारों वर्ष पुराना माना जाता है। इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी गयी हर मनोकामना पूरी होती है।

6-बागनाथ मंदिर, बागेश्वर-भगवान शिव का बहुत प्राचीन मंदिर है, जो ब्याघ्रेश्वर या बागनाथ के नाम से जाना जाता है। यह उत्तराखंड की काशी के नाम से प्रसिद्ध है।

7-क्रान्तेश्वर महादेव, चम्पावत-चम्पावत नगर के पूर्व में स्थित कूर्म पर्वत के शिखर पर अपार श्रद्धा का केंद्र क्रान्तेश्वर महादेव का मंदिर स्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार क्रान्तेश्वर महादेव मंदिर की पहाड़ी में भगवान विष्णु इतिहासकारों के अनुसार कुर्म पर्वत के नाम से कुमाऊँ शब्द बना है। क्रान्तेश्वर महादेव मंदिर को स्थानीय लोग कणदेव एवं कुरमापद नाम से सम्बोधित करते है।

8-ऋषेश्वर महादेव, चम्पावत-लोहावती नदी के तट पर स्थित भगवान शिव का यह मंदिर कभी कैलास मानसरोवर यात्रा का पड़ाव था। ऋषेश्वर महादेव मंदिर लोहाघाट के लोगों की आस्था का बड़ा केंद्र है। ऋषेश्वर महादेव के दर्शन के बिना लौटने पर लोहाघाट की यात्रा अधूरी मानी जाती है।

9-सिद्ध नरसिंह मंदिर, चम्पावत-समुद्र सतह से 2050 मीटर ऊंचाई पर, बांज के घने पेड़ों से घिरा और प्राकृतिक सुदंरता के बीच स्थित सिद्ध नरसिंह मंदिर के दर्शन करने के लिए पूरे वर्ष भर श्रद्धालु आते हैं। सिद्ध नरसिंह बाबा के मंदिर का पुननिर्माण कार्य कुछ समय पहले ही शुरू किया गया था।

10-भीमेश्वर महादेव, भीमताल-नैनीताल के भीमताल में भीमेश्वर महादेव मंदिर पौराणिक काल से भीमताल झील के किनारे स्थापित है, जो नैनीताल नगर से २२ किमी0 की दूरी पर स्थित है भीमेश्वर मंदिर में शिव लिंग पर शिवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह मंदिर पाण्डवों द्वारा स्थापित किया गया था।

11-मुक्तेश्वर महादेव,नैनीताल-जनपद नैनीताल के मुक्तेश्वर की पहाड़ी पर मुक्तेश्वर महादेव मंदिर पौराणिक काल से स्थापित है, जो नैनीताल नगर से 52 किमी0 की दूरी पर स्थित है। मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग पर शिवरात्री के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा दुग्धाभिषेक व जलाभिषेक किया जाता है, यह मंदिर कत्यूरी शैली के बने हुये हंै।

12-मोटेश्वर महादेव, ऊधमसिंह नगर-महाभारत कालीन महादेव मन्दिर का शिवलिंग बारहवां उप ज्योतिर्लिंग है। शिवलिंग की मोटाई अधिक होने के कारण यह मोटेश्वर महादेव मन्दिर के नाम से विख्यात हैं। स्कंद पुराण में भगवान शिव ने कहां की जो भक्त कावड़ कन्धे पर रखकर हरिद्वार से गंगाजल लाकर यहां चढ़ायेंगा उसे मोक्ष मिलेगा, इसी मान्यता के चलते मन्नत पूरी होने पर यहाँ लोग कावड़ चढ़ाते हैं।

dobrynews_alti7a
Author: dobrynews_alti7a

Related

Previous Post

महाशिवरात्रि पर पहले शाही स्नान में श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी

Next Post

योग आंतरिक जीवन प्रबंधन का सबसे उपयुक्त माध्यम

dobrynews_alti7a

dobrynews_alti7a

Next Post
योग आंतरिक जीवन प्रबंधन का सबसे उपयुक्त माध्यम

योग आंतरिक जीवन प्रबंधन का सबसे उपयुक्त माध्यम

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Stay Connected test

  • 131 Followers
  • 194k Subscribers
  • 23.9k Followers
  • 99 Subscribers

Calender

March 2021
M T W T F S S
1234567
891011121314
15161718192021
22232425262728
293031  
« Feb   Apr »
Plugin Install : Widget Tab Post needs JNews - View Counter to be installed
  • Trending
  • Comments
  • Latest
शासन ने पीआरडी जवानों के लिए रोस्टर लागू करने का दिया निर्देशः मोर्चा

शासन ने पीआरडी जवानों के लिए रोस्टर लागू करने का दिया निर्देशः मोर्चा

July 5, 2021
डॉ. रेखा जैन DSP (पूर्व) , सागर (मप्र) द्वारा वर्तमान में फैल रहे #लवेरिया_रोग की पहचान एवं रोकथाम के उपाय

डॉ. रेखा जैन DSP (पूर्व) , सागर (मप्र) द्वारा वर्तमान में फैल रहे #लवेरिया_रोग की पहचान एवं रोकथाम के उपाय

August 21, 2021
श्री भुवनेश्वरी शक्तिपीठ के जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ

श्री भुवनेश्वरी शक्तिपीठ के जीर्णोद्धार का कार्य आरंभ

July 24, 2021
20 हजार रु रिश्वत लेते रजिस्ट्रार रंगे हाथों गिरफ्तार

20 हजार रु रिश्वत लेते रजिस्ट्रार रंगे हाथों गिरफ्तार

April 19, 2021

The Legend of Zelda: Breath of the Wild gameplay on the Nintendo Switch

0

Shadow Tactics: Blades of the Shogun Review

0

macOS Sierra review: Mac users get a modest update this year

0

Hands on: Samsung Galaxy A5 2017 review

0
ग्लोबल इंनवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री के आगमन पर पुलिस व्यवस्था रहेगी चाकचैबंद

ग्लोबल इंनवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री के आगमन पर पुलिस व्यवस्था रहेगी चाकचैबंद

December 6, 2023
प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की कोशिश, पत्नी सहित तीन गिरफ्तार

प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की कोशिश, पत्नी सहित तीन गिरफ्तार

December 6, 2023
महिला 10 वर्षीय पुत्र सहित संदिग्ध परिस्थितियों में लापता

महिला 10 वर्षीय पुत्र सहित संदिग्ध परिस्थितियों में लापता

December 6, 2023
मंत्री जोशी ने ओएनजीसी अस्पताल पहुंचकर पूर्व राज्यमंत्री चमन लाल का जाना हाल

मंत्री जोशी ने ओएनजीसी अस्पताल पहुंचकर पूर्व राज्यमंत्री चमन लाल का जाना हाल

December 6, 2023

Recent News

ग्लोबल इंनवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री के आगमन पर पुलिस व्यवस्था रहेगी चाकचैबंद

ग्लोबल इंनवेस्टर्स समिट में प्रधानमंत्री के आगमन पर पुलिस व्यवस्था रहेगी चाकचैबंद

December 6, 2023
प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की कोशिश, पत्नी सहित तीन गिरफ्तार

प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या की कोशिश, पत्नी सहित तीन गिरफ्तार

December 6, 2023
महिला 10 वर्षीय पुत्र सहित संदिग्ध परिस्थितियों में लापता

महिला 10 वर्षीय पुत्र सहित संदिग्ध परिस्थितियों में लापता

December 6, 2023
मंत्री जोशी ने ओएनजीसी अस्पताल पहुंचकर पूर्व राज्यमंत्री चमन लाल का जाना हाल

मंत्री जोशी ने ओएनजीसी अस्पताल पहुंचकर पूर्व राज्यमंत्री चमन लाल का जाना हाल

December 6, 2023
डोब्रे  न्यूज़

Dobry News provides you the latest and trending news across the world.

Follow Us

Contact Us

Shri Bhuvneshwari Shakti Peeth
Bhuvneshwari Dham, Gayatri Vihar
Bhoopatwala, Haridwar – 249401
Uttarakhand (INDIA)
Mobile : +91 – 8126644331 / 9412989491
E-mail : officialdobrynews@gmail.com
Website : dobrynews.in

  • Home
  • Privacy Policy
  • About Us
  • Contact Us

© 2021 - Design and Developed by Web Development Agency Traffictail.

No Result
View All Result
  • होम
  • अन्तर्राष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • खेल
  • अध्यात्म
  • उत्तराखंड प्रदेश
  • मनोरंजन
  • राष्ट्रीय
  • लाइफस्टाइल
  • व्यापार
  • Become A Reporter
  • Live TV
  • Membership
  • राष्ट्रीय रोजगार आंदोलन रजिस्टर

© 2021 - Design and Developed by Web Development Agency Traffictail.

WhatsApp us