ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती को राष्ट्रीय पुरस्कार ‘चैम्पियन्स ऑफ चेन्ज’-2020 से सम्मानित किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी को चैम्पियन्स ऑफ चेन्ज पुरस्कार ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से महाराष्ट्र के राज्यपाल राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी के द्वारा प्राप्त हुआ। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी जी और सम्मानीय ज्यूरी के सदस्य भारत के पूर्व मुख्य न्यायधीश के जी बालाकृष्णन जी और न्याायधीश ज्ञान सुधा मिश्रा जी की धन्यवाद देेते हुये कहा कि माँ गंगा जी का पावन कृपा से आज के इस आयोजन में देश की गणमान्य विभूतियों के इस विशेष आयोजन हेतु मुझे आमंत्रित कर पुरस्कृत किया गया इस अवसर पर कहना चाहता हूँ कि समस्त पुरस्कार विराट ब्रह्मण्ड के नायक को ही जाते हैैं। हम सभी तो प्रभु के अकिंचन सेवक हैं।
स्वामी जी ने कहा कि ‘‘करता काम कोई है -नाम किसी का होता है। जलते तेल और बत्ती, नाम दीये का होेेता है।’’
पहली बात प्रभु की प्रेरणा और दूसरी बात अनेकों लोग जो तेल और बाती बनकर रात-दिन मेहनत कर रहे है। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के दूसरे अध्याय में कर्मयोग की प्रेरणा देते हुये परम धनुर्धारी अर्जुन से कहा है-‘निमित्त मात्रम् भव सव्यसाचिन’- हे अर्जुन तुम केवल एक निमित्त हो, हम सभी एक निमित्त मात्र है और परम नियंता ईश्वर हमें अपना निमित्त बनाकर भवसागर की लीला आगे बढ़ा रहे है और हम सबको सेवा करने का अवसर दे रहे है। फिर भी आपने मुझे इस सम्मान के योग्य समझा और ‘चैम्पियन्स ऑफ चेन्ज’ के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया इसके लिये आपका धन्यवाद।स्वामी जी ने श्री नन्दन जी और ‘चैम्पियन्स ऑफ चेन्ज’ के महत्वपूर्ण अभियान में दायित्व निर्वाह कर रहे अन्य सभी कर्मयोगियों को धन्यवाद दिया। भारत में राष्ट्रीय पुरस्कार ’चैम्पियन्स ऑफ चेन्ज’ गांधीवादी मूल्यों, स्वच्छता, सामुदायिक सेवा और सामाजिक विकास आदि उद्देश्यों को लेकर कार्यकर रही विभूतियों को दिया जाता है। पुरस्कार विजेताओं का चयन पूर्व सीजेआई न्यायमूर्ति केजी बालकृष्णन और न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा, पूर्व न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट की अध्यक्षता में एक प्रतिष्ठित ज्यूरी द्वारा किया जाता है। इसमें एक प्रमाण पत्र और एक स्वर्ण पदक की श्रेणी के पुरस्कार ससम्मान प्रदान किया जाता है। वर्ष 2018 में चैंपियंस ऑफ चेंज अवार्ड्स 2018, भारत के उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू द्वारा विज्ञान भवन नई दिल्ली में प्रस्तुत किया गया। वर्ष 2019 में भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा विज्ञान भवन नई दिल्ली में प्रस्तुत किया गया।