देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने दून स्थित अपने आवास पर 1 घंटे का सांकेतिक मौन उपवास रखा। हरीश रावत ने ये उपवास रामनगर स्थित इंडियन मेडिसिन फार्मास्युटिकल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईएमपीसीएल) मोहान को केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण किए जाने के विरोध में किया। इसकी जानकारी हरदा ने पहले ट्वीट कर दी थी।
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि इस इकाई की वजह से यहां के मजदूर, कर्मचारियों समेत आसपास के ग्रामीणों की निरंतर आजीविका चलती है। जिसमें यूनानी दवाइयां बनती है। संस्था निरंतर लाभ कमा रही है और यहां के हजारों उत्पाद, औषधी, फलों और दूसरी जड़ी-बूटियों के उत्पादन लोगों की आजीविका का आधार बनी हुई हैं। लेकिन सरकार उसे निजी हाथों में बेचने का षड्यंत्र लंबे समय से रच रही है। अब ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार ने ऐसा पाप करने का निश्चय कर लिया है.हरदा ने कहा कि इसमें कार्यरत कर्मचारियों के समर्थन और निजीकरण के खिलाफ मैंने आज 1 घंटे का सांकेतिक मौन उपवास रखा। आईएमपीसीएल मोहान के योगदान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस समय यह छोटी सी कंपनी निरंतर लाभ अर्जित कर रही है। इस कंपनी से हजारों लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर लाभ मिल रहा है। बड़ी संख्या में हमारे नौजवानों को घर के पास नौकरी मिल रही है। लेकिन कुछ लोगों की गिद्ध दृष्टि पहले से ही इस भूमि पर है। वह इस भूमि को ले लेना चाहते हैं, ताकि इसको कालांतर में लग्जरी रिजॉर्ट में या किसी और चीज में बदला जा सके उन्होंने कहा कि पब्लिक सेक्टर के क्षेत्र में यूनानी दवाइयां बनाकर उत्तराखंड के नाम को देश और दुनिया में फैला रही इस कंपनी का निजी हाथों में देने के बाद इसका अस्तित्व मिट जाएगा। उन्होंने कहा कि इस कंपनी को बनाने में समूचे उत्तराखंड का संघर्ष है।