देहरादून। धन्य है हमारी देवभूमि के नेता जो अपने ही बयानों और कामों से जनता को अपना मजाक बनाने का मौका खुद ही देते रहते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत काम हमारे भूतपूर्व यशस्वी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने घर का पुराना फ्रिज कोरोनेशन अस्पताल को दान देकर किया गया, जिसका लोग मजाक बना रहे हैं।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ऐसा क्यों किया यह तो वही समझ सकते हैं लेकिन लोग क्या-क्या कह रहे हैं या समझ रहे हैं उसे समझना ज्यादा जरूरी है। एक नेता जी जो उन्हीं की पार्टी के हैं उनका कहना है कि पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत को अगर अस्पताल को फ्रीज दान ही करना था तो एक नया फ्रिज दान कर सकते थे। पुराना फ्रिज दान करके क्या हुआ वह बताना चाहते हैं कि 4 साल मुख्यमंत्री रहने के बाद भी उनके पास इतने पैसे नहीं है कि वह एक नया फ्रिज खरीद सकें। शायद यह स्वयं को ईमानदार दर्शाने का अद्भुत तरीका है। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा करके वह नए सीएम तीरथ रावत को यह संदेश देना चाहते हैं कि वह करोना काल में व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं कर पा रहे हैं।
कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता और नेता उनके इस काम को चुटकी लेते हुए कहते हैं कि देखो मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटने के बाद मेरी भी हालत इस एक टांग वाले फ्रिज की जैसी हो गई है। इस वार्ता में एक दूसरे साहब कहते हैं कि आज पूर्व मुख्यमंत्री को हर जगह खामियां तो नजर आ रही है लेकिन 4 साल तक सीएम और स्वास्थ्य मंत्री रहते उन्होंने ऐसा कुछ क्यों नहीं किया कि आज उन्हें अपने घर का फ्रिज अस्पताल को दान करना पड़ रहा है। बात चाहे जो रही हो या फिर त्रिवेंद्र सिंह रावत की मंशा और नियत कुछ भी रही हो लेकिन उनके इस काम का चैतरफा मजाक ही बन रहा है। एक पुराना फ्रिज दान करने के इस काम को लोग उंगली कटवा कर शहीदों में शामिल होना और उनकी खिसियाहट ही मान रहे हैं जिसका प्रदर्शन वह कुर्सी जाने के बाद समय-समय पर करते रहे हैं।