देहरादून। उत्तराखंड में रविवार को 24 घंटे के अंदर 71 मरीजों की मौत हुई है। वहीं, 5606 नए संक्रमित मिले हैं। साथ ही एक्टिव केस की संख्या भी 53612 हो गई है। आज 2935 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। प्रदेश में अब तक 1 लाख 91 हजार 620 संक्रमित मरीज आ चुके हैं, जिसमें से 1 लाख 31 हजार 144 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक रविवार को 23285 सैंपलों की जांच हुई। जिसमें से 20657 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि देहरादून जिले में सबसे अधिक 2580 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, हरिद्वार जिले में 628, नैनीताल में 436, ऊधमसिंह नगर में 567, पौड़ी में 234, टिहरी में 248, रुद्रप्रयाग में 186, पिथौरागढ़ में 94, उत्तरकाशी में 126, अल्मोड़ा में 77, चमोली में 223 , बागेश्वर में 34 और चंपावत में 173 संक्रमित मिले। उत्तरकाशी के जोशियाड़ा निवासी शिक्षक धर्मानंद भट्ट के परिवार पर कोरोना का कहर टूट कर पड़ा। बीते 29 अप्रैल को परिवार के मुखिया धर्मानंद भट्ट की कोविड महामारी से मौत हुई और इसके महज तीन दिन बाद ही इकलौते बेटे प्रियंक ने भी महामारी के प्रकोप से दम तोड़ दिया। बीते मार्च तक घर में 26 अप्रैल को बेटी की सगाई और आठ मई को बेटे की शादी की तैयारी चल रही थी। मूल रूप से मुखेम गांव टिहरी निवासी धर्मानंद भट्ट (56) राइंका जोशियाड़ा में व्यायाम शिक्षक के पद पर तैनात थे। उनकी बेटी की सगाई 26 अप्रैल को होनी थी, जबकि इकलौते बेटे 28 वर्षीय प्रियंक की शादी आठ मई को नियत थी। बीते 20 अप्रैल को बेटे की तबीयत खराब होने पर उसे देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस बीच संपर्क में आए लोगों की जांच कराने पर शिक्षक धर्मानंद भट्ट की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें बीते 24 अप्रैल को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान 29 अप्रैल को उनकी मौत हो गई। पिता का साया सिर से उठने पर गम में डूबे परिवार को ढांढस बंधाने के लिए कोविड से काफी हद तक उबर चुका प्रियंक देहरादून से घर लौट आया था। शनिवार रात उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे रविवार तड़के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन यहां वह कोरोना से जंग हार गया।