देहरादून। उत्तराखंड में गुरुवार को कोरोना संक्रमण के पिछले सारे रिकॉर्ड टूट गए। प्रदेश में 24 घंटे के अंदर जहां रिकॉर्ड 8517 नए संक्रमित मिले हैं, वहीं, पहली बार सबसे ज्यादा 151 मरीजों की मौत हुई है। साथ ही एक्टिव केस की संख्या भी 62 हजार से ज्यादा पहुंच गई है। आज 4548 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। प्रदेश में अब तक 2 लाख 20 हजार 351 संक्रमित मरीज आ चुके हैं, जिसमें से 1 लाख 49 हजार 489 मरीज स्वस्थ हुए हैं। वहीं, देहरादून जिले में भी आज रिकॉर्ड संक्रमित मरीज आए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को 33097 सैंपलों की जांच हुई। जिसमें से 27218 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि देहरादून जिले में सबसे अधिक 3123 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, हरिद्वार जिले में 1045, नैनीताल में 847, ऊधमसिंह नगर में 1130, पौड़ी में 413, टिहरी में 256, रुद्रप्रयाग में 140, पिथौरागढ़ में 212, उत्तरकाशी में 389, अल्मोड़ा में 229, चमोली में 348, बागेश्वर में 109 और चंपावत में 276 संक्रमित मिले। वहीं, प्रदेश में अब तक 3293 मरीजों की मौत हो चुकी है। साथ ही प्रदेश में कंटेनमेंट जोन की संख्या भी 342 पहुंच गई है। साथ ही सक्रिय मरीजों की संख्या 62911 हो गई है। कोटद्वार में बिना सरकार की अनुमति के कोरोना टेस्ट कर रहे माही पैथोलॉजी लैब के संचालक की गिरफ्तारी के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने लैब के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने देवी रोड स्थित लैब को सील कर दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम को लैब संचालक कोरोना टेस्ट का अनुमति पत्र नहीं दिखा पाया था, जिसके कारण ब्लाक की स्वास्थ्य टीम ने इसकी रिपोर्ट सीएमओ पौड़ी को भेज दी थी। गुरुवार को सीएमओ के निर्देश पर देवी रोड स्थित माही पैथोलॉजी लैब पर स्वास्थ्य विभाग की टीम गई और उन्होंने लैब को सील कर दिया। सीएमओ डॉ. मनोज शर्मा ने बताया कि अवैध रूप से कोरोना का टेस्ट करना गैर कानूनी है। लैब संचालक को कोरोना के रैपिड एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट की इजाजत नहीं दी गई थी। अवैध रूप से कोरोना टेस्ट किए जाने की पुष्टि होने पर देवी रोड स्थित माही पैथोलॉजी लैब को सील कर दिया गया है। लैब की अन्य शाखाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है।