देहरादून। इन दिनों पूरी दुनिया इस जानलेवा वायरस के खिलाफ भारत की लड़ाई को प्रत्यक्ष रूप से देख रही है, जिसने अपनी दूसरी लहर में और अधिक तीव्रता से प्रहार किया है। भारत में प्रतिदिन इसके मामलों की संख्या लगभग 4,00,000 के करीब पहुंच चुकी है, और यह आंकड़ा किसी भी देश के लिए सर्वाधिक है। यहां इसके सक्रिय मामलों की संख्या लगभग 4 मिलियन है, इसलिए यह जरूरी है कि हम कोविड-19 को फैलने से रोकें। हम में से कुछ लोग अपनी यात्रा को प्रतिबंधित करने और घर पर रहने का आनंद ले सकते हैं, लेकिन हमारे समाज के कई अभिन्न सदस्य इस संकट के दौरान दूसरों का जीवन बचाने और समुदाय की सेवा करने का कर्तव्य निभा रहे हैं।
डॉक्टर, स्वास्थ्य सेवा कर्मी, पुलिस कर्मी, आपदा प्रबंधन स्वयंसेवकों, नगरपालिका श्रमिकों सहित नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक तथा इसी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराने वाले अन्य कर्मचारी देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति के योद्धा हैं, जो जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए प्रतिदिन अपने जीवन को खतरे में डाल रहे हैं। स्विट्जरलैंड की हाइजीन कंपनी, लिविंगार्ड एजी इस भयंकर आपदा के समय भारत के साथ है, तथा कंपनी ने गैर-सरकारी संगठनों, सरकारी संगठनों, नागरिक संगठनों, अस्पतालों और विभिन्न स्वास्थ्य सेवा केंद्रों के माध्यम से इन कोविड योद्धाओं की सुरक्षा के लिए 15 करोड़ रुपये के एंटीवायरल मास्क दान किए हैं। इससे देश की सुरक्षा में अग्रिम पंक्ति के हमारे बहादुर नायकों के लिए इस वायरस से सिर्फ सुरक्षा के बजाय, कंपनी द्वारा पेटेंट कराए गए सबसे बेहतर एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल तकनीक वाले टेक्सटाइल से बने मास्क के साथ विशिष्ट सुरक्षा सुनिश्चित होगी। बर्लिन की फ्रेई यूनिवर्सिटी तथा यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के डिपार्टमेंट ऑफ एनवायर्नमेंटल साइंस के शोधकर्ताओं ने इस बात को वैज्ञानिक तरीके से साबित कर दिखाया है कि, लिविंगार्ड तकनीक के साथ विकसित टेक्सटाइल 99.9 प्रतिशत बैक्टीरिया एवं वायरस को नष्ट करने में सक्षम है, जिसमें एसएआरएस-सीओवी-2 (कोविड-19 का कारण बनने वाले वायरस) भी शामिल हैं। इसके अलावा, इन्हें पुनः उपयोग में लाया जा सकता है तथा इन्हें 6 महीनों की अवधि तक धोकर बार-बार इस्तेमाल किया जा सकता है, और इस तरह ये लगभग 210 सिंगल-यूज मास्क के बराबर हैं।