नैनीताल। स्कीम वर्कर्स फेडरेशन के आह्वान पर आशा वर्कर्स ने सोमवार का दिन मांग दिवस के रूप में मनाया। इस दौरान हाथों पर तख्तियां लिए आशाओं ने हल्द्वानी और नैनीताल में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज स्कीम वर्कर्स को कोविड बीमा, सुरक्षा उपकरण, उचित मानदेय देने की मांग की है। हल्द्वानी में उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के प्रदेश महामंत्री डॉ कैलाश पाण्डेय के नेतृत्व में प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि आमतौर पर देखा गया है कि हर स्वास्थ्य संकट के समय आशाओं समेत सभी स्कीम वर्कर्स को काम में झोंक दिया जाता है, लेकिन उनके वेतन भत्ते और स्वास्थ्य संबंधी सुरक्षा को दरकिनार कर दिया जाता है। कोरोना ड्यूटी में फ्रंटलाइन वर्कर्स होने के बावजूद आशा वर्कर्स को अधिकांशतः पीपीई किट तो छोड़ दीजिए न्यूनतम जरूरी मास्क, ग्लब्ज और सेनेटाइजर तक उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। और यह सब तब हो रहा है जबकि सरकार इन स्कीम वर्कर्स को फ्रंटलाइन वर्कर तो मानती है लेकिन न्यूनतम वेतन नहीं देती है न ही कोई कोरोना भत्ता। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने कोविड बीमा, सुरक्षा उपकरण, उचित मानदेय देने की मांग की। इस दौराना रिंकी जोशी, रीना बाला, सरोज रावत, प्रीति रावत, माया टंडन, चन्द्रकला अधिकारी, आशा जिसहि, गीता जोशी, कमला आर्य, रेशमा, गंगा आर्य, कमला बिष्ट, माया तिवारी, तबस्सुम जहाँ, नसीमा, गीता देवी, दीपा बिष्ट, गीता पांडे, रश्मि जोशी, स्वाति, भगवती पाण्डे, पूनम बोरा, दीपा बहुगुणा, मीना मिश्रा, मीनू, बृजेश कटियार, शाइस्ता, पुष्पलता, मंजू रावत, सीमा आर्य, यसोदा बोरा आदि मौजूद रहे। घरों पर प्रदर्शन कर समर्थन करने वालों में भाकपा (माले) राज्य सचिव राजा बहुगुणा आदि शामिल रहे।