देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष और चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक धीरेंद्र प्रताप ने राज्य आंदोलनकारियों से आह्वान किया है कि वे कोरोना के इस भीषण काल में आम जनता के सहयोग के लिए आगे आएं। वह आज उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच द्वारा आयोजित वीडियो बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने यद्यपि राज्य आंदोलनकारियों के साथ धोखा कर दिया है और उनके 10 प्रतिशत आरक्षण, उनके चिन्हीकरण, उनके समान पेंशन, राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति, भ्रष्टाचार पर लगाम ,गांव आधारित विकास की रूपरेखा के सवालों को जहां सरकार ने पीछे छोड़ दिया है वहीं गैरसेंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बना कर एक झुनझुना आंदोलनकारियों के हाथ में दे दिया गया है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा अब समय आ गया है कि आंदोलनकारी एक बार फिर सड़कों पर आएं और कोरोना से लोगों की जान बचा कर आदर्श उत्तराखंड राज्य बनाने के प्रयासों को नई गति प्रदान करें।
उन्होंने उत्तराखंड के ग्रामीणों में वैक्सीनेशन शुरु ना किए जाने को निशाना बनाते हुए कहा कि राज्य के साडे 16000 गांव के नागरिक देहरादून की तरफ टकटकी लगाए देख रहे हैं लेकिन स्थिति यह है कि पहले कोरोना और अब ब्लैक सोंग्स ने तमाम नागरिकों की नींद हराम कर दी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का काम लोगों के जीवन के संरक्षण का होना चाहिए था लेकिन राज्य सरकार कुंभकरण की नींद सोए हुए हैं और केवल 2022 में विधानसभा चुनाव में किस तरह से पार्टी की वापसी हो भाजपा गठबंधन इसी काम को लेकर जनसेवा का मुखौटा लगाए धोखा देने पर लगा है। इस वर्चुअल मीटिंग में जिसको उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने संचालित किया तमाम वक्ताओं जिनमें प्रदीप कुकरेती रामलाल खंडूरी अभिषेक शर्मा मोहन खत्री जैसे प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया और राज्य आंदोलनकारियों के अनुरूप सरकार द्वारा कामना किए जाने पर राज्य सरकार की नुक्ताचीनी की।