देहरादून। कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान दिन-रात अथक परिश्रम के बाद, देहरादून स्थित एनजीओ जस्ट ओपन योरसेल्फ (जॉय) के संस्थापक जय शर्मा ने कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए ऐसे 100 बच्चों को गोद लेने की पहल शुरू करी है। गोद लेने के अभियान के बारे में बताते हुए, जय शर्मा ने कहा, “जब कोविड-19 की दूसरी लहर शुरू हुई, तो हमें शुरुआती दो हफ्तों में पांच ऐसे परिवारों का पता चला, जहां माता और पिता दोनों की मृत्यु हो गई थी, और बच्चे घर पर अकेले रह गए थे। इनमें से कुछ बच्चे चैथी-पांचवीं कक्षा के थे, एक बच्चा 12वीं कक्षा में था और बाकी बच्चे छोटी उम्र के थे। यह सब देख, मेरे दिमाग में विचार आया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण परिदृश्य अपरिहार्य है, और महामारी के बढ़ते भविष्य में हमें इस तरह के और भी मामलों का सामना करना पड़ सकता है। ”
उन्होंने आगे बताया, आज तक, हमने जॉय के तहत 20 अनाथ बच्चों को गोद लिया है उनके भोजन, दवा, पढाई, खर्चा व अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की देखभाल कर रहे हैं। इन 20 बच्चों में से सिर्फ दो देहरादून से हैं और बाकी सभी पहाड़ से हैं। आने वाले एक सप्ताह के भीतर, हम 50 बच्चों को गोद लेने के अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे, जिसके बाद अंततः 100 बच्चों के लक्ष्य भी पूरा करेंगे। मैं, जॉय फाउंडेशन की ओर से जय शर्मा, तब तक इन सभी बच्चों की हर संभव मदद करने के लिए मौजूद हूं, जब तक ये बच्चे आत्मनिर्भर नहीं हो जाते!”जॉय की टीम उत्तराखंड की पहाड़ियों के विभिन्न गांवों में पहुंच रही है। इन गांवों के ग्राम प्रधान लगातार जॉय सदस्यों के संपर्क में हैं। अगर कहीं भी कोई भी बच्चा अनाथ हो जाता है, तो इसकी सूचना उस गाओं के ग्राम प्रधान जॉय को देंगे।
जॉय सक्रिय रूप से कोविड-19 महामारी के प्रारंभिक चरण से ही जनसेवा की ओर काम कर रहा है। ये एनजीओ बिना किसी रिफिलिंग और सुरक्षा शुल्क के चिकित्सा आपूर्ति के रूप में 24Û7 ऑक्सीजन सिलेंडर मुफ्त में जरूरतमंदों को वितरित कर रहा है। टीम ने जरूरतमंद लोगों को कोविड मेडिकल किट, सैनिटाइजेशन किट (सैनिटरी पैड, सैनिटाइजर, मास्क, साबुन सहित) वे अन्य चिकित्सकीय संसाधन भी वितरित किए हैं। जॉय ने राज्य में दूर-दराज के इलाकों में मदद पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया और आटा, चावल, चीनी, मसाले, दाल और तेल सहित राशन किट की आपूर्ति भी करी।