कोटद्वार। कोटद्वार में बीरोंखाल के भैंस्वाड़ा गांव में गुलदार आखिरकार पिंजरे में कैद हो गया है। इसी गांव में 22 जून को गुलदार ने एक ग्रामीण की जान ले ली थी। वन विभाग के अधिकारी गुलदार का स्वास्थ्य परीक्षण करा रहे हैं। इस बात का पता लगाया जा रहा है कि पकड़ा गया गुलदार वही है जिसने ग्रामीण की जान ली थी या नहीं। गुलदार के पिंजरे में कैद होने से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है।
थलीसैंण के रेंज अधिकारी अनिल रावत ने बताया कि 22 जून को भैंस्वाड़ा निवासी दिनेश चंद्र ढौंडियाल को गुलदार ने मार डाला था। इसके बाद से लोगों में दहशत का माहौल था। वन विभाग ने घटनास्थल के पास पिंजरा लगाया था। दो-तीन दिन तक गुलदार क्षेत्र में सक्रिय तो रहा, लेकिन पिंजरे के पास नहीं फटका। ग्राम प्रधान सुरेंद्र ढौडियाल ने बताया कि रविवार सुबह करीब दस बजे स्थानीय निवासी दयाल सिंह दीवा मंदिर के पास बकरी चुगा रहे थे। तभी घात लगाए गुलदार ने अचानक बकरियों पर हमला कर दिया और एक बकरी को दबोच लिया। बकरीपालक ने गुलदार का पीछा कर उस पर पत्थर बरसाए। इस पर गुलदार घायल बकरी को छोड़कर भाग खड़ा हुआ। जिस स्थान पर गुलदार ने बकरी को घायल किया था, वहां पिंजरा लगा दिया गया। रात को गुलदार मौके पर आया और पिंजरे में कैद हो गया। डीएफओ पौड़ी मुकेश कुमार ने बताया कि पकड़े गए गुलदार की पौड़ी पशु चिकित्सालय में जांच कराई जाएगी। यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि वही हमलावर गुलदार है या नहीं। इसके बाद उसे रेस्क्यू सेंटर या घने जंगल में उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया जाएगा। उधर, ग्रामीणों का दावा है कि पिंजरे में कैद गुलदार ने ही 22 जून को दिनेश ढौंडियाल को मार डाला था। तब से वह अलग-अलग क्षेत्रों में नजर आ रहा था। गुलदार के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।