उत्तराखंड में महंगा हो सकता है बस, टैक्सी और ई-रिक्शा का सफर उत्तराखंड में एक ओर जहां सार्वजनिक यातायात वाहनों से सफर महंगा होने जा रहा है तो दूसरी ओर व्यावसायिक वाहनों का भाड़ा भी बढ़ने जा रहा है। 23 अक्तूबर को होने वाली राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक में इस पर मुहर लगेगी। एसटीए की बैठक में किराया बढ़ोतरी के साथ ही कई रूटों पर वाहन संचालन, परमिट आदि पर भी फैसला होगा दरअसल, लगातार बढ़ते जा रहे पेट्रोल-डीजल के दामों के बीच ट्रांसपोर्ट कारोबारी वाहनों का किराया बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं। इस मांग को देखते हुए सरकार ने किराया निर्धारण पर निर्देश दिए, जिस पर परिवहन आयुक्त ने आरटीओ देहरादून की अध्यक्षता में समिति का गठन किया था। इस समिति ने करीब तीन माह की कसरत के बाद किराया बढ़ोतरी का एक प्रस्ताव परिवहन मुख्यालय को भेजा है। इसमें रोडवेज की बसों, विभिन्न रूटों पर चलने वाली निजी बसों, टैक्सी, मैक्सी, ई-रिक्शा का किराया बढ़ाने की सिफारिश की गई है। इस आधार पर किराए का निर्धारणडीजल के दाम, वाहनों का मेंटिनेंस, लोन, प्रमाणपत्रों का खर्च, टायरों का खर्च, स्पेयर पार्ट्स के दाम आदि।यहां बढ़ेगा किराया-भाड़ा- रोडवेज की बसों का किराया- टैक्सी-मैक्सी का किराया- निजी बसों का किराया- ई-रिक्शा का किराया- एंबुलेंस का किरायाइन पर भी होगा फैसला- विभिन्न रूटों पर बस संचालन- रूटों के परमिट पर फैसला- सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट के आदेशों के अनुपालन में निर्णय पहाड़ में फिलहाल डीजल बसें ही चलेंगीपरिवहन निगम के अधिकारियों के मुुताबिक, यह सीएनजी बसें फिलहाल मैदानी रूटों पर ही चलेंगी। पर्वतीय क्षेत्रों में डीजल बसों का ही संचालन किया जाएगा। इसके पीछे मुख्य वजह यह मानी जा रही है कि सीएनजी के मुकाबले डीजल इंजन की खिंचाई बेहतर होती है।एसटीए की बैठक 23 को तय हुई है। बैठक के लिए आरटीओ समिति की किराया बढ़ोतरी संबंधी रिपोर्ट रखी जाएगी। इसके अलावा विभिन्न मुद्दों पर निर्णय होगा।