देहरादून। धूम्रपान और तंबाकू के इस्तेमाल से न केवल कुछ प्रचलित बीमारियां ही होती हैं बल्कि इससे शरीर के पूरे तंत्र पर दुष्प्रभाव पड़ता है। यह बात डॉ प्रदीप अग्रवाल एसोसिएट प्रोफेसर एम्स ऋषिकेश ने उत्तराखंड तंबाकू फ्री कोलेएशन (यूटीएफसी) की रिव्यू मीटिंग के दौरान अपने वर्चुअल प्रजेंटेशन के दौरान कही। इस मौके पर यूटीएफसी गतिविधियों के प्रस्तुतिकरण के साथ ही उत्तराखंड को तंबाकू मुक्त बनाने को लेकर भविष्य की रणनीति पर गहन चर्चा की गई।
देहरादून के पटेल नगर क्षेत्र स्थित एक होटल में बालाजी सेवा संस्थान के तत्वावधान में यूटीएफसी की त्रैमासिक रिव्यू मीटिंग एससी बंसल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में संस्थान की स्टेट प्रोग्राम मैनेजर ममता थापा ने यूटीएफसी की त्रैमासिक गतिविधियों का प्रस्तुतिकरण दिया। मीटिंग में वर्चअल रूप से जुड़े यूनियन साउथ एशिया नई दिल्ली के डिप्टी रीजनल डायरेक्टर डॉ. राना जे सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा तंबाकू मुक्त बनाने की मुहिम को शहरों के अलावा ग्रामीण स्तर पर चलाये जाने की भी जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पड़ौसी राज्य हिमाचल प्रदेश में ग्राम पंचायत स्तर पर तंबाकू के खिलाफ चलाये जा रही मुहिम के अच्छे नतीजे देखने को मिल रहे हैं। डॉ. राना ने पर्यावरण और वायु प्रदूषण के क्षेत्र में कार्य कर रहीं सामाजिक संस्थाओं और बुद्धिजीवियों को इस मुहिम में सहयोगी बनाये जाने पर जोर दिया।
स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जनपद देहरादून में संचालित तंबाकू नियंत्रण प्रोग्राम के नोडल अफसर डॉ. सीएस रावत ने यूटीएफसी की मुहिम की सराहना करते हुए कहा कि इस मुहिम को ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत स्तर की बैठकों के माध्यम से पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए मोटीवेशनल गतिविधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए। बालाजी सेवा संस्थान के एक्जीक्यूटिव डॉयरेक्कटर अवधेश कुमार ने बताया कि यूटीएफसी की ओर से प्रदेश के हरिद्वार जनपद में सम्पन्न हुए कुंभ मेले को तंबाकू मुक्त बनाये जाने की पहल को हर ओर सराहा गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों एवं छात्रों को तंबाकू मुक्त अभियान का हिस्सा बनाया जा रहा है जिसमें सभी का सहयोग जरूरी है। इस दौरान यूटीएफसी की कार्यकारिणी एवं पदाधिकारियों के चयन को लेकर भी चर्चा की गई। पदाधिकारियों के चयन की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने एवं सदस्यों को व्यतिगत तौर पर जिम्मेदारी सौंपकर यूटीएफसी की गतिविधियों में तेजी लाने के सभी के निर्णय के साथ बैठक का समापन हुआ। बालाजी सेवा संस्थान के प्रदीप आनंद ने सभी का आभार जताया। बैठक में यूटीएफसी के पीके तनेजा, एलएम शर्मा, एएस तोमर, सोनल माहेश्वरी, डा. विमलकांत नौटियाल, पंकज भार्गव आदि ने भी अपने विचार रखे।