देहरादून। उत्तराखंड में सोमवार को 24 घंटे के अंदर 128 मरीजों की मौत हुई है। वहीं, 5403 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। साथ ही एक्टिव केस की संख्या भी 55436 हो गई है। आज 3344 मरीजों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। प्रदेश में अब तक 1 लाख 97 हजार 23 संक्रमित मरीज आ चुके हैं, जिसमें से 1 लाख 34 हजार 488 मरीज स्वस्थ हुए हैं।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को 38174 सैंपलों की जांच हुई। जिसमें से 27812 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि देहरादून जिले में सबसे अधिक 2026 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, हरिद्वार जिले में 676, नैनीताल में 458, ऊधमसिंह नगर में 656, पौड़ी में 139, टिहरी में 415, रुद्रप्रयाग में 35, पिथौरागढ़ में 150, उत्तरकाशी में 192 , अल्मोड़ा में 167, चमोली में 169, बागेश्वर में 105 और चंपावत में 215 संक्रमित मिले। वहीं, प्रदेश में अब कंटेनमेंट जोन की संख्या 282 हो गई है। वहीं, अब तक 2930 मरीजों की मौत हो चुकी है।
प्रदेश में सोमवार को 45 से 60 साल की उम्र के 8410 लोगों को वैक्सीन का टीका लगा। अभी तक प्रदेश में 45 से 60 साल की उम्र के 14,43,089 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है, जबकि 2,66,894 लोगों को दूसरी डोज भी लग चुकी है। बदरीनाथ विधायक महेंद्र प्रसाद भट्ट की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने अपनी कोरोना रिपोर्ट के पॉजिटिव निकलने की पुष्टि की है। विधायक के वाहन चालक की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव आई है, जिसके बाद चिकित्सकों की सलाह पर विधायक होम आइसोलेशन में हैं। पौड़ी तहसील पौड़ी के एक गांव में 17 लोगों के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर स्थानीय प्रशासन ने गांव को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। एसडीएम सदर ने कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाने के संबंध में आदेश जारी कर पुलिस व प्रशासन की टीम को इन क्षेत्रों में बैरिकडिंग व लगातार निगरानी के निर्देश दिए हैं।
तहसील पौड़ी के थापली गांव में कुछ दिनों पूर्व एक ग्रामीण कोरोना संक्रमित पाया गया था। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने संक्रमित के संपर्क में आए ग्रामीणों की सैंपलिंग की थी। रविवार को रिपोर्ट आने पर 17 ग्रामीण कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। एसडीएम सदर एसएस राणा ने गांव को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित किए जाने संबंधी आदेश जारी कर दिया है। माइक्रो कंटेनमेंट जोन की उक्त अवधि में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्क्रीनिंग एवं चिकित्सीय परीक्षण व आवश्यकतानुसार सैंपल लिए जाने और रिपोर्ट के आधार पर आंकलन किए जाने के बाद प्रतिबंध हटाने या समाप्त किए जाने का निर्णय लिया जाएगा।