देहरादून। उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी द्वारा जैव विविधता दिवस पर वर्चुअल माध्यम से आयोजित कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए मुख्य वक्ता भारतीय वन्यजीव संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. जी. एस. रावत ने कहा की जैव विविधता का यह वर्ष हम समाधान हैं-प्रकृति के लिए थीम पर आधारित है। डॉ रावत ने कहा कि उत्तराखंड एशिया का वॉटर टावर है और इसके वाटर सिस्टम को परंपरागत रूप से संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का जैव विविधता बोर्ड यहां नीतियां बनाने और शोध कार्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
डॉ रावत ने कहा कि अब जब महामारी में लोग रोजगार छूटने के कारण मैदानों से पहाड़ों की ओर लौट रहे हैं तो वोकल फॉर लोकल का भी बड़ा महत्व है, जैव विविधता को उन्होंने विकसित हो रहा विज्ञान बताते हुए उत्तराखंड की विशेष जैव विविधता के अनुसार ग्रीन इकोनामी हेतु इसका उपयोग करने पर जोर दिया। डॉ रावत ने पिछले जैव विविधता की थीम नेचर बेस सलूशन पर 2020 में हुए कार्यक्रमों तथा शोध का ब्योरा भी कॉन्फ्रेंस में दिया। इससे पूर्व उत्तराखंड काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी के महानिदेशक डॉ राजेंद्र डोभाल ने पद्म विभूषण स्वर्गीय सुंदरलाल बहुगुणा को हिमालयी पर्यावरण के लिए उनके असाधारण योगदान हेतु श्रद्धांजलि दी और उनके उच्च सिद्धांतों के जीवन के कुछ ज्ञात- अज्ञात पहलुओं पर भी प्रकाश डाला गौरतलब है कि स्वर्गीय बहुगुणा ने वर्ष 2018 में यूकोस्ट के विज्ञान धाम में जैव विविधता पार्क का उद्घाटन किया था। तत्पश्चात सचिव स्पेक्स डॉ. बृजमोहन शर्मा एवं मोना बाली ने नन्हे वैज्ञानिक प्रतियोगिता के विजेताओं की घोषणा की। यह प्रतियोगिता यूकोस्ट, स्पेक्स ,स्नातकोत्तर महाविद्यालय ऋषिकेश एवं नासी उत्तराखंड चैप्टर द्वारा संयुक्त रूप से राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस 2021 के अवसर पर ऑनलाइन प्रस्तुतियों के माध्यम से आयोजित की गई थी। प्रोफेसर ए एम पुरोहित (पूर्व कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय) प्रोफेसर डीके माहेश्वरी( पूर्व कुलपति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार ) ने भी कांफ्रेंस को संबोधित किया। कॉन्फ्रेंस का संचालन यूकोस्ट संयुक्त निदेशक डॉ डीपी उनियाल ने किया, कॉन्फ्रेंस में जी.एस. रौतेला (सलाहकार साइंस सिटी देहरादून), डॉ अपर्णा शर्मा (सीनियर साइंटिफिक ऑफिसर यूकोस्ट), विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों, उत्तराखंड विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद आंचलिक विज्ञान केंद्र के कर्मचारियों तथा सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने भाग लिया।