देहरादून। आप पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरशाली ने राज्य सरकार पर जबरन लोगों की जान के साथ खिलवाड करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि गढ़वाल मंडल सहित ऋषिकेश को राजधानी देहरादून से जोड़ने वाला रानीपोखरी के जाखन नदी पर बना पुल टूट शासन प्रशासन की अनदेखी और लापरवाही से टूट चुका है और इसका सबसे बडा कारण है अवैध खनन जिसकी तस्दीक खुद वहां के ग्रामीण करते हैं ,जो रात दिन जेसीबी और डंपर के शोर से परेशान रहते हैं। लेकिन शासन प्रशासन को सबकुछ मालूम होते हुए भी, वो चुप्पी साधे रहते हैं क्योंकि खनन करने वाले नेताओं के रिश्तेदार और अपने लोग हैं। सरकार की मिलीभगत का नतीजा अब सबके सामने है। उन्होंने बकायदा पत्रकार वार्ता में पुलों से जुड़े पुराने विभिन्न अखबारों की रिपोर्ट को भी मीडिया के सम्मुख रखा और सरकार की जर्जर पुलों को लेकर लापरवाही को मीडिया के सामने रखा। पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता रानीपोखरी जाखन नदी में टूटे पुल के घटना स्थल पर पहुंच कर सिर्फ खानापूर्ति करने जा रहे हैं, और विभागीय मंत्री ने भले ही इस पूरे हादसे की जांच के आदेश दिए हों ,लेकिन हकीकत ये है कि, जो समिति इस घटना के लिए गठित की गई है उस समिति की जांच अभी शुरु ही नहीं हुई है,जो ये दर्शाता है कि ये सरकार सिर्फ जुमेलबाजी में माहिर है ,और जनता को बरगलाने के अलावा इसे वास्तविकता से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि, आज पूरे प्रदेश में बीजेपी और उनके मंत्री सिर्फ बूथ की मजबूती पर ध्यान दे रहे हैं,जबकि जर्जर और टूटे पुलों को लेकर सरकार कोई ठोस एक्शन नहीं नहीं ले रही। सरकार की इस लापरवाही के चलते कोई हादसों में अपनी जान गंवा दे ,तो उन्हें इससे कोई सरोकार नहीं है। बीजेपी के नेताओं को सिर्फ चुनाव जीतने से मतलब है,लेकिन उनका पुलों पर बिल्कुल ध्यान नहीं है, जिन पुलों की वजह से लोगों की आवाजाही पर असर पडता है और लोग अपनी जान जोखिम में डाल कर इन पुलों से गुजरने को मजबूर है। पिरशाली ने आगे कहा कि दिसंबर 2020 में पुल के नीचे बुनियाद और पिलर की सुरक्षा के लिए लोक निर्माण विभाग ने 40 लाख रुपये से अनुरक्षण कार्य कराया था। इस दौरान पुल से 50 मीटर की दूरी पर ही खनन कर खनिज को इस निर्माण कार्य में प्रयोग में लाया जा रहा था। जिस पर थानों रेंज के वन क्षेत्रधिकारी एनएल डोभाल ने विभागीय दो ठेकेदारों पर 30 और 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था। लेकिन लोनिवि ने ऐसे ठेकेदारों को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया, जिसका परिणाम आज सबके सामने है। उन्होंने आगे कहा कि, पूर्व मुख्यमंत्री के एक करीबी को फायदा पहुंचाने के लिए हरिद्वार में खनन बंद करवाकर इस क्षेत्र में नदियों का सीना चीर दिया गया ,और तय मानकों से अधिक नदियों को खोद दिया गया, लेकिन बोलने वाला कोई नहीं था।