देहरादून। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डोईवाला का अनुबंध निरस्त कराने की मांग को लेकर पिछले 30 दिन से अस्पताल परिसर में आंदोलन कर रहे उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने आत्म बलिदान की चेतावनी दी है। उत्तराखंड क्रांति दल के जिला अध्यक्ष संजय डोभाल ने इस बात को लेकर खासा आक्रोश व्यक्त किया कि एक माह से आंदोलन हो रहा है लेकिन शासन प्रशासन तथा सरकार कोई भी इस न्यायोचित मांग का संज्ञान लेने के लिए तैयार नहीं है।
उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय सचिव केंद्रपाल सिंह तोपवाल ने बताया कि अब उनके सामने आत्म बलिदान का ही एक रास्ता बचा हुआ है और अब वह आत्म बलिदान करेंगे उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय प्रवक्ता शिव प्रसाद सेमवाल ने बताया कि इससे पहले 8 दिन के अनशन केंद्रपाल सिंह तोपवाल कर चुके हैं तथा 2 दिन का अनशन 90 वर्षीय बुजुर्ग गिरधारीलाल नेताजी भी कर चुके हैं। जब उनको फोर्स फीडिंग के लिए जबरन अस्पताल में भर्ती कराया गया तो यूकेडी जिलाध्यक्ष संजय डोभाल खुद आमरण अनशन पर बैठ गए थे, जिन्हें 9 दिन बाद पुलिस प्रशासन ने जबरन उठाकर हॉस्पिटल में एडमिट कर दिया था। अब यूकेडी के वरिष्ठ जिला उपाध्यक्ष धर्मवीर गुसाईं को आमरण अनशन का आज चौथा दिन है लेकिन सरकार की कानों में जूं नहीं रेंग रही। उन्होंने कहा कि जन भावनाओं के विपरीत एक सरकारी अस्पताल को निजी हाथों में सौंप देने से सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। इससे पहले अस्पताल के उच्चीकरण के लिए स्वीकृत आठ करोड़ बयालीस लाख पिछली कांग्रेस सरकार ने भी सिर्फ इसलिए निरस्त कर दिए थे क्योंकि इसके निजीकरण के बाद निजी अस्पताल को मरीजों की संख्या मे कमी आ जाती। आज धरने में डोईवाला के बौराड़ी से दिग्विजय सिंह गुसाईं, राजेश दोभाल, भानियावाला से नीरज बुटोला, प्रेम नगर के सियाराम पाल, झबरावाला से रणजोध सिंह, डांडी बड़कोट से अरुण जुगलान, आईडीपीएल से युद्धवीर सिंह चौहान तथा देवेंद्र जुगलान, भानियावाला से अभिलाष डोभाल, कविता गुसाईं, अभिषेक जायसवाल, पंचवटी से एसएस गुसाईं, प्रकाश सिंह चौहान, अर्जुन कक्कड़, लता राणा स्थानीय लोग शामिल थे।