देहरादून। देहरादून डी आई टी विश्वविद्यालय परिसर में एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय और डीआईटी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में स्वास्थ्य देखभाल विश्लेषण पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में 25 एमबीबीएस डॉक्टर, नर्स, शिक्षाविद, पीएचडी विद्वान, यूजी और पीजी छात्र शामिल हुए। प्रतिभागी एचएनबीएमईयू, जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग, केयर कॉलेज ऑफ नर्सिंग, सीमा डेंटल कॉलेज, जीटीबी अस्पताल कानपुर और डीआईटी विश्वविद्यालय देहरादून से थे। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि, विशेषज्ञों और प्रतिभागियों के स्वागत और परिचय के साथ हुई। प्रो. हेमचंद्र, कुलपति एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय और डीआईटी विश्वविद्यालय के गणमान्य व्यक्ति; वीसी, प्रो. जी. रघुराम; प्रो वीसी प्रो. प्रियदर्शन पात्रा; निर्देशक एसटीईम और गुणवत्ता, प्रो. मानिक कुमार; रजिस्ट्रार, डॉ. वंदना सुहाग; डीन पूर्व छात्र, प्रो. नवीन सिंघल कार्यक्रम में उपस्थित थे।
मुख्य भाषण एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचंद्र ने दिया। सत्र वास्तव में गुणवत्ता और गुणवत्ता संकेतक के क्षेत्र में व्यावहारिक था। पहला विशेषज्ञ सत्र डॉ. मोनिका श्रीवास्तव, एचओडी, स्कूल ऑफ लिबरल आर्ट्स एंड मैनेजमेंट, डीआईटी विश्वविद्यालय द्वारा लिया गया था। सत्र स्वास्थ्य देखभाल में सांख्यिकीय उपकरणों के विश्लेषण और अनुप्रयोग पर केंद्रित था। द्वितीय सत्र का संचालन अग्निव मंडल, विश्लेषक, आईक्यूवीआईए द्वारा किया गया था। उन्होंने फार्मा फोरकास्टिंग के क्षेत्र पर प्रकाश डाला और केस स्टडी की मदद से सत्र को संबोधित किया। डॉ. पुनीत ओहरी, हेड कम्युनिटी मेडिसिन, एसजीआरआर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज द्वारा दिए गए तीसरे सत्र का फोकस हेल्थकेयर गुणवत्ता संकेतक था। उन्होंने स्वास्थ्य देखभाल गुणवत्ता संकेतकों के वैचारिक और सैद्धांतिक आधार पर ध्यान केंद्रित किया।
सुप्रभा दुबे, , आर के देवी हेल्थकेयर सॉल्यूशंस अगली विशेषज्ञ थीं। उन्होंने हेल्थकेयर फाइनेंस के महत्व, ऑडिट तकनीकों के निर्माण और विश्लेषण के बारे में बात की। कार्यशाला का समापन धन्यवाद ज्ञापन एवं प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर किया गया। कार्यशाला के आयोजन दल में डॉ. अनुपमा आर्या, एसोसिएट प्रोफेसर दून मेडिकल कॉलेज; डॉ. विजय नेगी,एसोसिएट प्रोफेसर, डी आईटी; डॉ. शचि नेगी, असिस्टेंट प्रोफेसर, डी आईटी एवं डॉ. राम कुमार गुप्ता, डी आईटी विश्वविद्यालय शामिल थे।