देहरादून। मुनि श्री आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज एवं गिरनार पीठाधीश क्षुल्लक रत्न श्री समर्पण सागर जी महाराज के सानिध्य में श्री दिगंबर जैन धर्मशाला में कर्म योगी डॉक्टर सुरेंद्र कुमार जैन भारती बुरहानपुर एवं पंडित अशोक जैन शास्त्री इंदौर के निर्देशन में भव्य उप नीति संस्कार का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर उप नीति संस्कार कराने वाले बालकों का सर्वप्रथम मुंडन संस्कार किया गया।
अनंतर मंत्रोचार के साथ पूज्य समर्पण सागर जी महाराज एवं डॉक्टर सुरेंद्र जैन भारती ने भारतीय जैन परंपरा में उपनयन संस्कार मोली बंधन संस्कार एवं सर्वप्रथम जिनेंद्र देव दर्शन के महत्व को प्रतिपादित किया। श्री दिगंबर जैन उत्तरांचल समाज के अध्यक्ष श्री सुकमाल चंद जैन एवं इस आयोजन के संयोजक डॉक्टर रोहित जैन माजरा ने अतिथि विद्वानों का वस्त्र आभूषण प्रदान कर सम्मान किया। लगभग निष्पादित 200 से अधिक बालक बालिकाओं एवं समाज जनों ने मंत्रोच्चार से अपने जीवन में संस्कारों एवं माता पिता के साथ भगवान के आशीर्वाद का अनुभव किया सुलभ श्री समर्पण सागर जी महाराज ने कहा कि महाराष्ट्र कर्नाटक आदि प्रांतों में उपनयन संस्कार का विशेष महत्व है जैन धर्म के अनुसार ,बिना उप नयन संस्कार कराए जिनेन्द्र भगवान का अभिषेक पूजन एवम मुनि आदि के लिए आहार देना वर्जित है। उत्तरांचल जैन समाज ने यह आयोजन कर एक विस्मृत उपनयन पद्धति को फिर से प्रारंभ करने का उपक्रम किया है जो बालक बालिकाओं को संस्कारित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगा पंडित अशोक शास्त्री इंदौर ने बताया कि 8 वर्ष से अधिक के बालक बालिकाएं मधु मांस आदि का त्याग कर व्यसन मुक्त जीवन जीने का संकल्प लेते हैं इससे समाज में शांति स्थापित होती है।इस अवसर पर उत्तरांचल जैन समाज के अध्यक्ष सुखमाल चंद जैन,महामंत्री लोकेश जैन,मंत्री एमके जैन एसबीआई ,डॉक्टर रोहित जैन मंत्री, उपाध्यक्ष एसके जैन,जैन समाज देहरादून के अध्यक्ष विनोद जैन,जैन धर्मशाला के अध्यक्ष सुनील जैन बस वाले ,उपाध्यक्ष प्रवीन जैन मेडिकल,मंत्री संदीप जैन बड़ागांव वाले ,बालेश जैन,अमित जैन देवलोक,राहुल जैन,अशोक जैन,बल्ब वाले,गोपाल सिंघल मीडिया प्रभारी,महिलाओं में ममता जैन,रचना जैन,कौशल जैन,कल्पना जैन आदि बहुत संख्या में जैन समाज के महिला पुरुष गणमान्य उपस्थित थे।