देहरादून। उत्तराखण्ड राज्य में विभिन्न विभागों में मनमाने ढंग से की जा रही भर्तियों एवं भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरते हुए उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी ने सरकारी विभागों में हुई सभी प्रकार की भर्तियों की जांच कराये जाने की मांग की है। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए खटीमा विधायक एवं उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापडी ने कहा कि राज्य में सभी विभागों में हो रही भर्तियों में भारी अनियमितता तथा भ्रष्टाचार के साथ ही अपनों को रेवडी बांटने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा सरकारी विभागों में की जाने वाली भर्तियों में भारी अनियमितता व भ्रष्टाचार हुआ है जिसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी द्वारा दिनांक 19 जुलाई 2022 को धरना-प्रदर्शन के साथ सचिवालय घेराव किया जायेगा।
भुवन कापडी ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस में पूर्व में भर्तियां जनपद वार आयोजित की जाती थी परन्तु वर्तमान में पूरे प्रदेश की एक साथ की जा रही हैं जिसकी मैरिट लिस्ट भी जिला स्तर की बजाय राज्य स्तर पर तैयार की जायेगी। इससे पर्वतीय क्षेत्र के युवा भर्ती होने से वंचित रह जायेंगे। इसी प्रकार राज्य के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने तथा भ्रष्टाचार की नीयत से राजकीय महाविद्यालयों में सहायक प्रवक्ता के पदों पर भर्तियों हेतु ऑल इण्डिया लेबल पर आवेदन आमंत्रित कर लिखित परीक्षा के स्थान पर मैरिट बेस पर की जा रही है। उन्होंने कहा कि चयन आयोग की 2016-17 की भर्तियों में हुए अनियमितता तथा घोटाले की जांच रिपोर्ट अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि भर्ती घोटाले की जांच को सार्वजनिक किया जाना चाहिए। इसी प्रकार सहकारिता विभाग में हुए भर्ती घोटाले की जांच में भी लीपा-पोती की जा रही है तथा केवल 2016-17 की भर्तियों में जांच के आदेश हुए हैं। सहकारिता विभाग की अभी तक की सभी भर्तियों की जांच की जानी चाहिए।
भुवन कापडी ने यह भी आरोप लगाया कि लोक सेवा आयोग द्वारा ली जा रही पीसीएस परीक्षा के प्रश्न पत्र में उत्तराखण्ड राज्य से सम्बन्धित मात्र 15 से 20 सवाल पूछे जा रहे हैं ऐसी स्थिति में उत्तराखण्ड राज्य में सेवा दे रहे अधिकारी राज्य की भौगोलिक परिस्थितियों से अनभिज्ञ होते हैं। देश के अन्य राज्यों यथा; राजस्थान पीसीएस परीक्षा में राज्य से सम्बन्धित 50 से 55 प्रश्न, हिमाचल प्रदेश पीसीएस परीक्षा में 40 से 50 प्रश्न तथा झारखण्ड में स्थानीय प्रश्नों का अलग से पेपर दिया जाता है। कांग्रेस की मांग है कि उत्तराखण्ड पीसीएस परीक्षा में भी राज्य से सम्बन्धित कम से कम 50 प्रश्न अनिवार्य रूप से होने चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के चिकित्सा चयन बोर्ड के गठन में अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया गया है तथा योग्यता का भी कोई मापदण्ड नहीं रखा गया है। चिकित्सा बोर्ड के सचिव तथा परीक्षा नियंत्रक के पदों पर की गई नियुक्तियां नियम विरूद्ध की गई हैं।
भुवन कापडी ने भाजपा सरकार पर यह भी आरोप जलागम विभाग में आउट सोर्स के माध्यम की गई भर्तियों में भारी अनियमितता, भ्रष्टाचार तथा अपने-अपने चहेतों को भारी तादात में नियुक्तियां दी गई हैं। भ्रष्टाचार का आलम यह है कि भाई-भतीजावाद करते हुए एक ही परिवार से कई-कई लोगों का चयन किया गया है। उन्होंने राज्य के बेरोजगार नौजवानों से भी अपील की है कि कांग्रेस की ये लडाई राज्य के बेरोजगार युवाओं के हक के लिए है तथा हम इसे सडक से लेकर सदन तक लडेंगे।