देहरादून। कांग्रेस द्वारा प्रवर्तन निदेशालय एवं अन्य स्थानों पर किया जा रहा धरना प्रदर्शन भ्रष्टाचार छुपाने के लिए दबाव डालने की कोशिश है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने शुक्रवार को जारी बयान में कहा कि जो जेल से बेल पर हैं वह नारा दे रहे हैं कि आओ प्रवर्तन निदेशालय व देश भर में प्रदर्शन करो क्योंकि हमारा भ्रष्टाचार पकड़ा गया है। कांग्रेस के देश व्यापी प्रदर्शन पर चौहान ने कहा कि मेरा कांग्रेस और राहुल गांधी से सीधा प्रश्न है कि क्या वह इसका जवाब दे पाएंगे। 1930 के दशक से एसोसिएट जनरल लिमिटेड समाचार पत्र प्रकाशित करने के लिए कम्पनी बनी थी, इस कम्पनी में 5 हजार स्वतंत्रता सेनानियों की भी भागीदारी थी आज वही कम्पनी गांधी परिवार के लिए यंग इंडियन रियल एस्टेट का व्यापार कर रही है।
चौहान ने कहा कि 2010 में पांच लाख रुपये से यंग इंडियन कम्पनी बनाई गई थी जिसमें 76 प्रतिशत की भागीदारी राहुल गांधी और सोनिया गांधी की है। दो हजार करोड़ से ज्यादा की सम्पत्ति जो स्वतंत्रता सेनानियों की थी वह एक परिवार की कैसे हो गई।
प्रदेश मीडिया प्रभारी चौहान ने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी, सोनिया गांधी और यंग इंडियन कंपनी का डोटेक्स मर्चेंटडाइज जो कोलकाता की एक हवाला कंपनी है के साथ उन्हें अपने सम्बंधों को भी उजागर करना चाहिए। उन्होने तथ्यों की जानकारी देते हुए कहा कि आज जो लोग अनावश्यक रूप से शोर शराबा कर देश भर में प्रदर्शन कर दबाव डालने का काम कर रहे हैं उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि 2010 में यंग इंडिया चौरिटेबल कंपनी ने 2016 तक कोई चौरिटेबल काम नहीं किया, बल्कि रियल एस्टेट का काम शुरू किया। कांग्रेस ने चंदे के रूप में मिले 90 करोड़ रुपये को यंग इंडियन को ऋण के रूप में देकर बाद में उसी ऋण को माफ कर दिया। यह आंकड़े और तथ्य इस बात के प्रमाण है कि भ्रष्टाचार चरम पर हुआ है।
उन्होंने बताया कि 2010 में एसोसिएट जनरल लिमिटेड के सभी शेयर गांधी परिवार के यंग इंडियन को हस्तांतरित कर दिए गए और दो हजार करोड़ की सारी पूंजी गांधी परिवार को भ्रष्टाचार के तहत दे दी गई। उन्होंने साफ कहा कि तथ्य और कथ्य में बहुत अंतर है। गांधी परिवार के भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए देश भर में प्रदर्शन कर कांग्रेस ने आम जनता को परेशान करने का घिनौना काम किया है जिसकी हम घोर निंदा करते हैं। यह केवल भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए दबाव की राजनीति है।