हल्द्वानी। जनपद नैनीताल में झीलों के पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने के लिए तथा महाशीर के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए डीसीएफआरई, भीमताल के सहयोग से नैनीझील में महाशीर की लगभग दस हज़ार अंगुलिकाए डाली गयी। जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि भविष्य में नैनीताल जनपद के समस्त झीलों तथा नदियों में मत्स्य आखेट को बढ़ावा देने तथा महाशीर संरक्षण के इस अभियान को निरंतरता प्रदान की जायेगी।
ऽ श्री गर्ब्याल ने कहा कि पहले भी झील में सिल्वर/कॉमन कार्प एवं महाशीर मछलियॉ झील में डाली गई। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने बताया कि कॉमन कार्प प्रजातियों की मछलियॉ पानी के अन्दर प्रजनन करती है जिससे झील को नुकसान हो सकता है वर्तमान में झील 67 प्रतिशत मछलियॉ है। इसे ध्यान में रखते वैज्ञनिकों की सलाह पर झील में कॉमन कार्प मछलियों को सीमित करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं तथा आगे भी चरणबद्व रूप से अन्य झीलों में भी महाशीर मछलियों को डाला जायेगा। शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान निदेशक भीमताल पीके पाण्डे ने बताया कि यह कार्यक्रम लद्दाख से अरूणाचल प्रदेश तक चलाया जा रहा है, इसका मुख्य उद्ेश्य महाशीर मछलियों को बढ़ावा देने का हैं इसी उद्देश्य से आज नैनीताल झील में मछलियों के बीज को झील में डाला जा रहा है जो तथा इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी आयोजित किये जायेगें। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ संदीप तिवारी, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका अशोक वर्मा, परियोजना अभियन्ता एलएम साह, शीतजल मात्स्यिकी अनुसंधान से डॉ आरएस पतलिया, डॉ अख्तर आदि अधिकारी उपस्थित थे।