पौड़ी। श्री रामलीला मंचन एवं सांस्कृतिक समिति द्वारा रामलीला शुरू हो गई है। रामलीला गणेश वंदना से आरंभ हुई। कैलाश पर्वत पर शिव पार्वती संवाद जब नीच निशाचर पाप करे से.. आरंभ होकर रावण दरबार में शुक्राचार्य द्वारा राक्षसों को दुरोपदेश देकर ऋषि मुनियों को सताना, ऋषियों से कर लेना, अयोध्या में राजा दशरथ की सभा, सुमंत दशरथ वार्तालाप, पुत्रष्ठी यज्ञ और राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न जन्म तक की लीला मंचित की गई। दशरथ सुमंत संवाद में दशरथ का गायन मेरे पुत्र नाहीं, पुत्र नाहीं, पुत्र नाहीं जी बड़ा मार्मिक रहा। इससे पूर्व रामलीला का शुभारंभ मुख्य अतिथि पालिका अध्यक्ष यशपाल बेनाम ने किया। उन्होंने कहा कि धार्मिक और पौराणिक महत्व के इस आयोजन को हर संभव मदद की जाएगी। उन्होंने समिति के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि रामलीला का 122 वा मंचन इस बात को दर्शाता है कि पौड़ी की रामलीला उत्तरोत्तर प्रगति की ओर अग्रसर है। समिति के अध्यक्ष उमाचरण बड़थ्वाल ने कहा कि समिति को दिया गया सहयोग कलाकारों के उत्साह वर्धन के साथ ही पौड़ी रामलीला को संबल भी प्रदान करता है। महादेव की भूमिका मे नरेंद्र चिटकरिया, पार्वती बीना चिटकारिया, रावण जगतकिशोर बड़थ्वाल, दशरथ सुदर्शन बिष्ट, सुमंत इंद्र मोहन चमोली, शुक्राचार्य अनिल नैथानी, दूत अमर चिटकारिया, कैकई जय श्री, कौशल्या आरती बहुगुणा, सुमित्रा सोनम डोभाल, वशिष्ठ पारस, ऋषि नीरज, गोपाल नेगी रहे। पार्श्व गायन गौरी शंकर थपलियाल, मनोज रावत अंजुल, प्रीती और कनिष्का लिंगवाल का रहा। भाव नृत्य कनिका, कनिष्का, सानिया, कशिश, सौम्य, अदिति, चीनू, आरुषि, वैभवी, सुप्रिया, टिया, निधि और काकुल का रहा। नृत्य निर्देशक कनिका चिटकारिया है। मुख्य संगीत संयोजक गौरी शंकर थपलियाल, संगीत निर्देशक मनोज रावत अंजुल, तबला प्रमेन्द्र नेगी, मोहित, अभिनव सैलानी, नवांश बहुगुणाऔर साइड रिदम मे शुभम बिष्ट की सराहनीय भूमिका रही। मंच निर्देशन सुबोध रावत और सह निर्देशन हिमांशु चौहान कर रहे हैं। मंच संचालन वीरेंद्र खंकरियाल ने किया।