देहरादून। देहरादून-दिल्ली मार्ग पर नई बस सेवा की शुरुआत के साथ ही उत्तराखंड को अपनी पहली इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बस सेवा की सौगात मिली है। भारत में अलग-अलग शहरों के बीच प्रीमियम इलेक्ट्रिक कोच सेवा उपलब्ध कराने वाले पहले ब्रांड, छनमळव ने आज के जमाने के यात्रियों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम (यूटीसी) के सहयोग से इस इंटरसिटी इलेक्ट्रिक बस सेवा का संचालन शुरू किया है। नुएवो देश भर में अलग-अलग शहरों के बीच प्रीमियम इलेक्ट्रिक कोच सेवा उपलब्ध कराने वाले ग्रीनसेल मोबिलिटी का फ्लैगशिप ब्रांड है, जो इन दोनों शहरों के बीच आने-जाने वाले यात्रियों को सहज तरीके से बुकिंग की सुविधा, और पूरी तरह से सुरक्षित, स्वच्छ एवं प्रदूषण रहित आवागमन सेवाओं के साथ-साथ यात्रा का बेमिसाल अनुभव प्रदान करेगा। ब्रांड के फ्रैंचाइजी पार्टनर, स्काईलाइन के सहयोग से दिल्ली-देहरादून मार्ग का प्रबंधन किया जाएगा।
ग्राहकों को सबसे ज्यादा अहमियत देने वाले ब्रांड होने के नाते, छनमळव के सभी कोच को इलेक्ट्रिकल एवं मैकेनिकल जाँच के साथ-साथ 25 सख्त सुरक्षा जाँच प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। हर बार सफर से पहले कोचों को अच्छी तरह सैनिटाइज किया जाता है और कोच पायलटों का ब्रीद एनालाइजर टेस्ट किया जाता है। नुएआ की खास सेवाओं में लाइव कोच ट्रैकिंग, ड्रॉप पॉइंट जियो-लोकेशन तथा कोच के भीतर सीसीटीवी सर्विलांस के जरिए निगरानी की सुविधा शामिल हैं। ये इलेक्ट्रिक कोच एक बार चार्ज होने के बाद सामान्य ट्रैफिक की स्थिति में और एयर कंडीशनर के साथ 250 किलोमीटर तक का सफर तय कर सकते हैं। छनमळव के सभी कोच एकदम आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित हैं, जो सुरक्षा, समय की पाबंदी और ग्राहकों को सहज अनुभव प्रदान करने पर विशेष ध्यान देते हुए यात्रियों को शुरू से अंत तक की सुविधाएं उपलब्ध कराते हैं।
इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए सतीश मंधाना, निदेशक, ग्रीनसेल मोबिलिटी, ने कहा, “हम उत्तराखंड की पहली इलेक्ट्रिक बस सेवा के शुभारंभ को लेकर बेहद उत्साहित महसूस कर रहे हैं, साथ ही हम राज्य में सार्वजनिक एवं विभिन्न स्थानों को जोड़ने वाली हरित परिवहन सेवाओं के जरिए ग्राहकों के अनुभव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपनी छनमळव सेवाओं के माध्यम से हम यात्रा के अनुभव में बड़े पैमाने पर बदलाव लाएंगे, साथ ही टेल पाइप से शून्य उत्सर्जन सुनिश्चित करने से हमें इकोलॉजिकल फुटप्रिंट को कम करने में भी मदद मिलेगी।” देश के विभिन्न शहरों में इलेक्ट्रिक बस सेवाओं की शुरुआत के प्रति दिलचस्पी काफी बढ़ी है, और राज्य सरकारों ने भी अपनी बस-आधारित परिवहन प्रणाली के विद्युतीकरण की शुरुआत कर दी है। भारत सरकार द्वारा भारत में इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता योजना के दूसरे चरण की शुरुआत के बाद इस प्रक्रिया में और तेजी आई है।