देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर में स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए बापू के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। वे भारत में स्वच्छता के महत्व पर जोर देने वाले पहले व्यक्ति थे। स्वच्छता के बारे में जन जागरूकता पैदा करने में महात्मा गांधी के अभूतपूर्व योगदान को याद करते हुए हार्पिक न्यूज18 मिशन स्वच्छता और पानी टेलीथॉन को वर्चुअली संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने यह बात कही। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर स्वच्छता की वकालत करते रहे हैं तथा स्वच्छ भारत मिशन भारत को स्वच्छ बनाने में मदद कर रहा है। 15 अगस्त 2014 को प्रधान मंत्री मोदी ने स्वच्छता भारत मिशन की शुरूआत की थी जो एक आंदोलन बन कर देश में बहुत जरूरी बदलाव ला रहा है।
शाह ने कहा कि स्वस्थ जीवन के दो महत्वपूर्ण पहलुओं स्वच्छता और जल पर पहल के लिए मैं नेटवर्क18 को बधाई देता हूं। जल ही जीवन है के संदेश को देश भर में प्रत्येक व्यक्ति के व्यवहार में लाने की आवश्यकता है। सरकारी पहल के अलावा इस लक्ष्य के प्रति जन जागरूकता बहुत महत्वपूर्ण है। न्यूज 18 और हार्पिक की ओर से सभी के लिए एक स्वच्छता अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए मिशन स्वच्छता और पानी एक ऐसा आंदोलन है जो स्वच्छता को बढ़ावा देता है जहां सभी के पास स्वच्छ शौचालय हो यह सभी लिंगों, जातियों और वर्गों के लिए समानता की वकालत करता है और यह मानता है कि स्वच्छ शौचालय एक साझा जिम्मेदारी है। इस अवसर पर अपने विचार को व्यक्त करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने कहा कि महिलाओं का समग्र सशक्तिकरण प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का एक महत्वपूर्ण एजेंडा रहा है। डॉ मंडाविया ने कहा जब एक शौचालय या इज्जत घर बनाया जाता है तो महिलाएं अधिक सुरक्षित और आरामदायक महसूस करती हैं। हम वास्तव में लोगों को स्वच्छता और पानी के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए नेटवर्क18 के प्रयासों की सराहना करते हैं। मैं लोगों से इस जन आंदोलन में पूरी शिद्दत के साथ भाग लेने का अनुरोध करता हूं।
जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा जब कोई समाज अपने कंधों पर सकारात्मक बदलाव लाने की जिम्मेदारी लेता है तो वहाँ हमेशा जीत ही होती है। हम जनता और स्वच्छता अभियान में शामिल लोगों के सहयोग से राष्ट्र द्वारा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में सक्षम हुए हैं । ग्रामीण भारत में बच्चों और महिलाओं ने कई सामाजिक वर्जनाओं के खिलाफ मुखर रूप से काम किया है।