देहरादून। आजादी का अमृत महोत्सव के तत्वावधान में, पशुपालन और डेयरी विभाग, भारत सरकार ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड, स्टार्टअप इंडिया, सीआईआई और तेलंगाना पशुपालन विभाग के सहयोग से मैरियट कन्वेंशन सेंटर, हैदराबाद में पशुधन, डेयरी और पशुपालन क्षेत्रों में मौजूदा और उभरते स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए एक भव्य स्टार्ट-अप कॉन्क्लेव का आयोजन किया। पुरषोत्तम रूपाला, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, भारत सरकार ने डॉ. संजीव कुमार बालियान, माननीय राज्य मंत्री मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी, डॉ. एल. मुरुगन, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री और टी. श्रीनिवास यादव, पशुपालन, मत्स्य पालन और सिनेमाटोग्राफी मंत्री तेलंगाना के साथ मुख्य अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
इस आयोजन ने उद्यमियों, निवेशकों और उद्योग विशेषज्ञों को अपने विचारों, नेटवर्क को साझा करने और एक दूसरे से सीखने का मौका दिया। इसने साथी उद्यमियों और हितधारकों के साथ नवीन विचारों और उत्पादों और नेटवर्क को प्रदर्शित करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान किया। इस कार्यक्रम में उद्योग के प्रमुख नेताओं के मुख्य भाषण, इंटरैक्टिव सेशंस, पैनल डिस्कशन्स और सफल स्टार्ट-अप द्वारा प्रेजेंटेशन्स शामिल थे। कॉन्क्लेव में, चयनित स्टार्टअप्स, पिच फेस्ट, क्रेता-विक्रेता बैठक और स्टार्टअप्स के लिए एक कार्यशाला एवं प्रदर्शनी शामिल थी, जिसमें पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में काम करने वाले अर्ली स्टेज स्टार्टअप्स को पिचिंग की कला, मुख्य बिजनेस पिलर्स का निर्माण और उनके प्रभाव को बताने का प्रशिक्षण दिया गया था। कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए, श्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि पशुपालन के माध्यम से कृषि डाइवर्सिफिकेशन ग्रामीण आय में वृद्धि के प्राथमिक कारकों में से एक है और पशुधन क्षेत्र में अधिक सार्वजनिक निवेश आज के समय की मांग है। पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (एमओएएचडी) पशुधन क्षेत्र में विकास को और बढ़ावा देने के लिए सभी हितधारकों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है और इस प्रकार से वह पशुधन क्षेत्र में लगे किसानों और उद्यमियों के लिए पशुपालन को अधिक लाभकारी बनाता है।
डॉ. संजीव कुमार बालियान राज्य मंत्री, मत्स्य, पशुपालन और डेयरी ने भी सभा को संबोधित किया और पशुधन क्षेत्र के महत्व और भारत में पशुधन क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों जैसे कम उत्पादकता और बढ़ती बीमारियों पर प्रकाश डाला। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय इन सभी चुनौतियों से निपटने और उद्यमिता, प्रौद्योगिकी प्रयासों, डिजिटलीकरण, नवीन विचारों आदि को बढ़ावा देने के लिए अन्य मंत्रालयों और हितधारकों के साथ तालमेल बिठाकर और मिलजुल कर कार्य करने का प्रयास कर रहा है। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय भी, विशेष रूप से किसानों और उद्यमियों को पशुधन क्षेत्र के माध्यम से अपनी आय बढ़ाने में मदद करने के साझा उद्देश्य से अन्य मंत्रालयों और हितधारकों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं।