देहरादून। पुलिस ने दो चोरियों का खुलासा करते हुए चिमटी गैंग के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर 12 लाख रूपये कीमत के जेवरात बरामद कर लिये। पुलिस ने तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। आज यहां पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए डीआईजी एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि 15 मई को सोडा सरोली निवासी विजय कुमार व 22 जून को नत्थुवाला निवासी देवकी देवी ने रायपुर थाने में अपने घरों में चोरी होने का मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने दोनों मुकदमें दर्ज कर चोरों को पकडने के लिए पुलिस की चार टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों के द्वारा पूर्व में चोरी, लूट के मामले में जेल गये अपराधियों के बारे जानकारी जुटाई और जमानत पर छुटे उनका सत्यापन किया गया। इसी दौरान पुलिस टीमों ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला गया।
सीसीटीवी कैमरों में पुलिस ने चार संदिग्ध व्यक्ति दिखायी दिये। जिनको घटना वाले दिन घर में घुसने व घटना के बाद जाने की फुटैज मिल गयी। जिसके बाद एक टीम को हरिद्वार व दूसरी टीम को सहारनपुर रवाना किया गया। इसी दौरान पुलिस टीम को सूचना मिली कि पांच माह पूर्व एक सपेरा गैंग जेल से जमानत पर रिहा हुआ है। जिसने पूर्व में बन्द घरों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया था। जिसके बाद पुलिस ने उस गिरोह के सभी सदस्यों के बारे में जानकारी जुटानी शुरू कर दी। गत रात्रि उक्त गिरोह के द्वारा हरिद्वार पथरी से चलकर भानियावाला जौलीग्रांट से थानों रोड से सोडा सरोली रायपुर पहुंचे तभी गठित टीम के द्वारा इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ करने पर उनके द्वारा 13 मई को सोडा सरोली व 21 जून को बालावाला में चोरी की घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर सपेरा बस्ती घोसीपुरा पथरी हरिद्वार से 12 लाख कीमत के जेवरात बरामद कर घटना में प्रयुक्त उपकरण व मोटरसाईकिलें सीज कर दी। पूछताछ में उन्होंने अपने नाम फौजीनाथ उर्फ चिमटी पुत्र कल्लू नाथ, विक्की पुत्र अमरनाथ व कान्ता पुत्र मौसमनाथ तीनों निवासी सपेरा बस्ती घोसीपुरा पथरी हरिद्वार बताये। उन्होंने पुलिस को बताया कि वह लोगों को दिखाने के लिए नींबू मिर्ची बेचने एव शनिदान मांगने के लिए उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब आदि राज्यों में विभिन्न स्थानों पर जाकर गली मौहल्लो में घूमा करते हैं इसी आड में बंद घरों की रैकी करते हैं। वह सुनसान स्थानों, जंगल, नालों के आसपास के घरों को निशाना बनाते हैं। पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उनको न्यायालय में पेश किया जहां से उनको न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।