देहरादून। प्रसिद्ध बांसुरीवादक पंडित रोनू मजूमदार ने स्पिक मैके के तत्वावधान में एक व्याख्यान प्रदर्शन का आयोजन किया। कार्यक्रम यूनिसन वर्ल्ड स्कूल और दून बिजनेस स्कूल में आयोजित हुआ, जहां पंडित रोनू मजूमदार ने अपनी संगीत यात्रा और विशेषज्ञता छात्रों के साथ साझा की। उनके साथ तबले पर मिथिलेश झा ने संगत की।
पंडित रोनू मजूमदार वाराणसी में पले-बढ़े जहां उन्होंने पहले अपने पिता डॉ. भानु मजूमदार और बाद में पंडित विजय राघव राव से बांसुरी सीखी। उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें भारत के राष्ट्रपति द्वारा संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और अमेरिकी बैंजो प्लेयर बेला फ्लेक के साथ एल्बम तबुला रासा में उनके काम के लिए ग्रैमी नॉमिनेशन शामिल हैं।
उन्होंने यूरोप, अमेरिका, कनाडा, जापान, सिंगापुर, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और मिडिल ईस्ट में बड़े पैमाने पर संगीत दौरे किये हैं। उन्होंने दुनिया के कुछ सबसे प्रतिष्ठित स्थानों जैसे मॉस्को में द क्रेमलिन, ब्रुसेल्स में द पैलेस ऑफ बीक्स आर्ट्स, इत्यादि में कई बार प्रदर्शन किया है। उनका नाम प्रसिद्ध पंडित रविशंकर, बीटल्स के प्रमुख गिटारवादक जॉर्ज हैरिसन, जाने-माने गिटारवादक राई कूडर और कई अन्य लोगों सहित अंतरराष्ट्रीय उस्तादों के साथ जोड़ा गया है। इसके साथ साथ उन्हें न्यूजीलैंड के ऑकलैंड स्थित टाउन हॉल में संगीत कार्यक्रम देने वाले पहले बांसुरीवादक होने का सम्मान भी प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के दौरान, पंडित रोनू मजूमदार ने न केवल बांसुरी वादन में अपनी महारत का प्रदर्शन किया, बल्कि छात्रों के साथ बातचीत भी की और अपनी संगीत यात्रा के बारे में जानकारी साझा की। उनके प्रदर्शन से छात्र मंत्रमुग्ध हो उठे। प्रदर्शन के बारे में अपने विचार साझा करते हुए एक छात्रा ने कहा, जब पंडित रोनू मजूमदार ने बांसुरी बजाई, तो ऐसा लगा जैसे वह प्रत्येक स्वर के साथ एक कहानी कह रहे हों। मुझे उम्मीद है कि मैं भी एक दिन उनकी तरह बांसुरी बजाना सीख सकती हूँ और अपनी खुद की संगीत कहानियां बना सकती हूँ। अपने संगीतमय प्रवास को जारी रखते हुए, पंडित रोनू मजूमदार 22 अगस्त को वेल्हम गर्ल्स स्कूल में प्रस्तुति देंगे।