देहरादून। रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून में पुराने रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करके ब्राह्मणवाला और अधोईवाला सहित शहर के अलग- अलग जगहों पर फर्जी तरीके से जमीनों के मालिकाना हक बदले जाने के मामले में एआईजी स्टाम्प की तहरीर के आधार पर नगर कोतवाली में पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इस मामले में 15 जुलाई को मुकदमा पंजीकृत हुआ था। एआईजी स्टाम्प संदीप श्रीवास्तव ने शिकायत दर्ज कराई है कि देहरादून सब रजिस्ट्रार कार्यालय में रजिस्ट्री संख्या 2041, 2844, 2764 और 2716 में छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई है। मामले की जांच में पता चला कि इन रजिस्ट्री और संबंधित जिल्द को सहारनपुर से 31 दिसंबर 2022 को सब रजिस्ट्रार कार्यालय देहरादून लाया गया था और रजिस्ट्री साल 1958 की है। रजिस्ट्री को चेक करने पर पाया गया है कि मूल रजिस्ट्रियों के पृष्ठ हटाकर उनकी जगह दूसरे पृष्ठ जोड़ दिए गए, जिनके माध्यम से जमीनों के स्वामी तक बदल दिए गए।
साथ ही रजिस्ट्री में प्रयोग स्याही धुंधली मिली है और कुछ पृष्ठ में उनकी संख्या भी नहीं लिखी मिली। इसके अलावा रजिस्ट्रियों की जिल्द की बाइडिंग ढीली पाई गई है। रजिस्ट्री कार्यालय में बैनामों के साथ छेड़छाड़ मामले में अब तक कुल सात मुकदमे पंजीकृत हुए हैं, जिनके 9 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है।नगर कोतवाल राकेश गुसाई ने बताया है कि साल 1958 की रजिस्ट्रियों और जिल्दों से छेड़छाड़ करने के बाद संबंधित जमीनों को बेचने का खेल साल 2018 से शुरू किया गया है। भूमाफिया गिरोह ने पहले पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार कराई और फिर अटॉर्नी प्राप्त करने के बदले व्यक्ति के माध्यम से जमीनी की बिक्री शुरू कर दी और साल 2018 से 2019 के बीच जमीनों का विक्रय किया गया है। सहायक महानिदेशक की तहरीर के आधार पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रजिस्ट्रार कार्यालय में अभिलेखों के साथ छेड़छाड़ करने वाले एक गिरोह का दून पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। इस मुकदमें में दून पुलिस आरोपी मक्खन सिंह, सन्तोष अग्रवाल, दीप चन्द अग्रवाल, रजिस्ट्रार कार्यालय में नियुक्त डालचन्द, अधिवक्ता इमरान अहमद, रोहताश सिंह, राजस्व अभिलेखागार में नियुक्त विकास पाण्डे, रिकाॅर्ड रूम में नियुक्त अजय सिंह क्षेत्री व अधिवक्ता कमल विरमानी को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।