देहरादून। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारत मंडपम में आयोजित श्जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रमश् के तहत 200 जनजातीय युवाओं से संवाद किया। संवाद के दौरान शाह ने स्पष्ट किया कि श्देश के संविधान में सबके लिए समान अवसर उपलब्ध हैं और युवाओं को अपने जीवन के लक्ष्य को देश के विकास के साथ जोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। वामपंथी उग्रवादी और उनकी विचारधारा देश के विकास और उज्जवल भविष्य के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा हैं।
आजादी के बाद दशकों तक वामपंथी उग्रवाद देश के लिए नासूर बना रहा। किसी भी सरकार ने वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के लिए कोई जन-कल्याण योजना नहीं चलाई। जनजातीय समुदाय के बच्चों का भविष्य बद से बदतर होता चला गया। लेकिन आज शाह की नीतियों के तहत वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर, सड़क और अन्य जरूरी सुविधाएं पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। देश की जनता ने देखा है कि सरकार के विरोध में हथियार उठाने और देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए वर्षों से वामपंथी उग्रवादियों ने जनजातीय युवाओं को उकसाने का काम किया है। युवाओं के लिए यह समझना बेहद आवश्यक है कि वामपंथी उग्रवादी और उनकी विचारधारा देश के विकास और उज्जवल भविष्य के रास्ते में सबसे बड़ा रोड़ा हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि जनजातीय युवा वर्ग वामपंथी उग्रवाद की विचारधारा को खत्म करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएं। अंत्योदय की राजनीति करने वाले दिग्गज नेता शाह यह मानते हैं कि श्जनजातीय युवाओं को पूरे देश में होने वाले विकास के विषय में जागरूक होने की नितांत आवश्यकता है। उनके लिए यह जानना जरूरी है कि किस तरह देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है और जनजातियों के लिए हर क्षेत्र में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। किसी का जन्मस्थान नहीं, बल्कि जीवन में किए गए उसके कार्य महत्त्वपूर्ण होते हैं।
साल 2014 के पहले तक उग्रवाद के कारण होने वाली घटनाएं चरम पर थी। जाहिर है कि ऐसे में प्रभावित राज्यों में हिंसा भी अत्यधिक थी जिसका सीधा प्रभाव वहां मौजूद रोजगार के अवसरों पर पड़ा। 2015 में जारी वामपंथी उग्रवाद उन्मूलन अधिनियम का उद्देश्य ही जनजातीय बहुल इलाकों में आधारभूत ढांचे का निर्माण करना है। मोदी सरकार के आने के साथ ही आधारभूत ढाँचे के को सुदृढ़ किए जाने के प्रयास शुरू कर दिए गए।