देहरादून। उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के समापन समारोह के अवसर पर मौजूद रहे सीईओ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज आशीष कुमार चैहान ने कहा कि स्टॉक मार्केट केपीटलाइजेशन के क्षेत्र में भारत विश्व में चैथे स्थान पर है। आज 8.35 करोड़ से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे हैं। साथ ही उत्तराखंड राज्य से भी 8.35 लाख से अधिक लोग स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करते हैं। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री के इन्वेस्टर समिट को लेकर हुए मुंबई दौरे के दौरान उनसे एमएसएमई सेक्टर में फंड की उपलब्धता, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निकायों के माध्यम से विकास को बढ़ाना, युवाओं में निवेश को लेकर जागरूकता जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई थी। जिनपर निरंतर कार्य जारी है। उन्होंने कहा आगामी समय में उत्तराखंड के शहरी निकायों में कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों हेतु विशेष सेमिनार और ट्रेनिंग कार्यक्रमों का आयोजन भी करेगा।
एम.डी, मदर डेयरी मनीष बंदलिश ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड में कृषि एवं डेयरी के क्षेत्र में निवेश हेतु सकारात्मक माहौल बनाया गया है। उत्तराखंड की जीडीपी में कृषि एवं डेयरी बड़ा योगदान है। भारत डेयरी सेक्टर में निरंतर आगे बढ़ रहा है। उत्तराखंड में भी डेयरी विकास एवं फूड वैल्यू चैन का बढ़ावा दिया जा रहा है। डेयरी विकास के क्षेत्र में उत्तराखंड के किसानों को सीधे लाभ पहुंचाए जाने पर कार्य किया जा रहा है। राज्य में कृषि एवं बागवानी को बढ़ावा मिले इसके लिए किसानों हेतु विशेष प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन किया जाएगा। फल उत्पादन के क्षेत्र में भी उत्तराखंड निरंतर आगे बढ़ रहा है।
एम.डी, रसना पिरूज खंबाटा ने कहा कि राज्य में बड़े उद्योगों के साथ ही छोटे उद्योगों को बढ़ावा देना होगा। किसानों को उद्योगों से सीधे जोड़ने पर कार्य करना होगा। भारत का एक्सपोर्ट बढ़ने पर सभी उद्योगों का एक्सपोर्ट भी बढ़ेगा। आज पूरा विश्व में मिलेट्स की मांग बढ़ते जा रही है। लोकल से ग्लोबल होना सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण है। जिसको ध्यान में रखते हुए रसना भी रसना हिमालय रोज शरबत को लांच करेंगे। इससे उत्तराखंड राज्य में रोज की खेती को बढ़ावा मिलेगा। एमडी, सीईओ जुबिलेंट जेनेरिक्स लिमिटेड डॉ. जयदेव राजपाल ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी जी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा राज्य सरकार द्वारा कई उद्योग के अनुकूल नीतियों पर कार्य किया गया है। सिंगल विंडो सिस्टम, लैंड बैंक, उद्योगों हेतु न्यूनतम विद्युत दरों के साथ उत्तराखंड औद्योगिक डेस्टिनेशन के रूप सामने आया है।