देहरादून। नर्सरी विकास और वन अग्नि प्रबंधन वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में सिल्विकल्चर और वन प्रबंधन प्रभाग,आईसीएफआरई-एफआरआई द्वारा नर्सरी विकास और वन अग्नि प्रबंधन पर द हंस फाउंडेशन के प्रीतभागियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। ऋचा मिश्रा, आईएफएस, प्रमुख, सिल्विकल्चर और वन प्रबंधन प्रभाग, एफआरआई ने समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. रेनू सिंह, आईएफएस, निदेशक, आईसीएफआरई-एफआरआई और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। प्रमुख, सिल्विकल्चर और वन प्रबंधन प्रभाग, एफआरआई ने एफआरआई में किए जा रहे कार्यक्रम और अनुसंधान गतिविधियों का एक संक्षिप्त विवरण दिया।
इसके पश्चात शिशुपाल मेहता, वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक, द हंस फाउंडेशन(एचएफ), देहरादून ने अपने संबोधन में हंस फाउंडेशन, देहरादून के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि एचएफ वर्तमान में भारत के 26 राज्यों में सामाजिक सेवाओं जैसे अस्पताल, मुफ्त दवा वितरण, मरीजों की मुफ्त जांच आदि और अन्य प्रमुख मुद्दों पर काम कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि एचएफ ने नर्सरी और जंगल की आग प्रबंधन का काम शुरू कर दिया है। संगठन के प्रतिभागियों को नर्सरी तैयारी और वन अग्नि प्रबंधन में प्रगति पर अपने ज्ञान को बढ़ाने की आवश्यकता है। प्रशिक्षण का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. रेनू सिंह, निदेशक, आईसीएफआरई- वन अनुसंधान संस्थान एफआरआई) ने किया। आईसीएफआरई-एफआरआई की निदेशक डॉ. रेनू सिंह ने अपने संबोधन में प्रतिभागियों से बातचीत की और यहां आयोजित होने वाले प्रशिक्षण से उनकी अपेक्षाओं को जाना। उन्होंने नर्सरी एवं वन अग्नि प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने नर्सरी प्रबंधन, वन अग्नि प्रबंधन और अन्य आजीविका पहलुओं पर काम कर रहे एफआरआई के वैज्ञानिकों के साथ सीधे संवाद और बातचीत करने पर भी जोर दिया।
डॉ. मनीषा थपलियाल, वैज्ञानिक जी और ओआईसी, एफटीएसएल, एसएंडएफएम ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया। डॉ. देवेन्द्र कुमार, वैज्ञानिक-ई ने कार्यक्रम का संचालन किया। एफटीएसएल, सिल्विकल्चर और वन प्रबंधन प्रभाग के सभी कर्मचारी उपस्थित थे और उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में बहुत योगदान दिया।