देहरादून। ढाई साल के मासूम की मौत के बाद से सिंगली गांव में गुलदार की दहशत लगातार बनी हुई है। खाली पड़े प्लॉट में वन विभाग की टीम बैठी है जिसकी नजर पिंजरों पर है। किन्तु गुलदार अभी तक किसी पिंजरे में कैद नही हो पाया है।
मंगलवार की रात हादसा हुआ और अब तक वन विभाग खाली हाथ है। टीम पिंजरे में गुलदार के आने का इंतजार कर रही है और गुलदार कई बार दिख चुका है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि शाम को 4 बजते ही गांव में कर्फ्यू लगा दिया जाता है। वन विभाग की टीम ग्रामीणों को घरों में कैद कर देती है।
गल्जवाड़ी से घने जंगलों के रास्ते आगे करीब दो किमी चलने के बाद मुख्य मार्ग पर एक मंदिर है। यहां से करीब 700 मीटर निचले रास्ते पर जंगलों के बीच ऊंचे चबूतरे पर आयांश का घर है। तीन छोटी सीढ़यां चढ़ने पर आयांश के घर में दाखिला होता है। आयांश की दादी पूनम के आंसू सूख चुके हैं लेकिन उनकी सिसकियां साथ नहीं छोड़ रही हैं। जिन्हे रिश्तेदार व ग्रामीण लगातार ढांढस बंधा रहे है।