हल्द्वानी। हल्द्वानी हिंसा के बाद डीजीपी अभिनव कुमार द्वारा दंगाइयों पर एनएसए लगाने की बात कही गई है। तमाम आला अधिकारी अब हल्द्वानी में डेरा डाले हुए हैं तथा शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। हर जगह सिर्फ पुलिस फोर्स ही दिखाई दे रही है।उन्होंने यहां जाकर पहले घायल पुलिस कर्मियों से मुलाकात कर उनका हाल जाना और घटनाक्रम के बारे में उनसे जानकारी ली वहीं उसके बाद उन्होंने घटनास्थल का भी दौरा किया जहां पुलिस प्रशासन द्वारा मलिक बाग में बने मदरसे और मस्जिद के ध्वस्तिकरण की कार्यवाही बीते रोज की गई थी, जिसको लेकर यह पूरा बवाल हुआ। अधिकारियों द्वारा बनभूलपुरा थाना जाकर भी स्थिति का जायजा लिया गया जहां दंगाइयों ने थाने को फूंक डाला था और सैकड़ो वाहनों को आग लगा दी गई थी। सुबह जिलाधिकारी वंदना ने पत्रकार वार्ता में इस बात की जानकारी दी गई थी यह प्रशासन और सरकार पर एक सुनियोजित हमला था। प्रशासन द्वारा न तो किसी को उकसाया गया न ही बिना सूचना के कोई कार्यवाही की गई। उन्होंने कहा जिस जमीन पर मदरसा और धार्मिक संरचना की बात कही जा रही है सरकारी दस्तावेजों में वह नगर निगम की भूमि है जहां अवैध रूप से किए गए इस निर्माण को हटाने के लिए पुलिस व प्रशासन की टीमें गई थी। उन्होंने कहा कि उन्हें 3 दिन पहले खाली करने के निर्देश व नोटिस दिए गए थे। 30 जनवरी को तस्वीरों में क्षेत्र की छतों पर कहीं भी पत्थर नहीं थे हमले से पूर्व सुनियोजित तरीके से पत्थर जमा किए गए तथा पुलिस पर पेट्रोल बम फेके गए। उन्होंने कहा कि दंगाइयों ने सबसे अधिक नुकसान थाने को पहुंचाया है।उन्होंने कहा कि हालात बेकाबू होते देख पुलिस को फायरिंग के आदेश देने पड़े तथा कर्फ्यू लगाना पड़ा। उन्होंने कहा कि यह कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं है प्रशासन और शासन के खिलाफ षड्यंत्र के तहत एक सुनियोजित हमला है। जिसमें दो लोगों की मौत हुई है तथा तीन गंभीर रूप से घायल है। पुलिस द्वारा चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है हमले में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी व पत्रकार भी घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि अभी स्थिति नियंत्रण में है तथा दंगाइयों की तलाश व पहचान की जा रही है।