देहरादून। स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ डिजाइन
(डब्ल्यूयूडी), सोनीपत में अध्ययनरत 52 छात्रों के एक समूह ने, उत्तराखंड
में अल्मोड़ा के पास स्थित प्रसिद्ध हिंदू तीर्थ शहर जागेश्वर धाम के
पुनर्विकास हेतु एक व्यापक मास्टरप्लान तैयार किया है। जागेश्वर को शैव
परंपरा के प्रमुख धामों में गिना जाता है। प्रस्तावित मास्टरप्लान को
छात्रों और तीन प्रोफेसरों द्वारा एक वर्ष से अधिक समय तक विस्तृत
क्षेत्रअध्ययन और साइट के सम्पूर्ण दस्तावेज़ीकरण के बाद मिलाकर तैयार किया
गया था। मास्टर प्लान के फायदे व नुकसान की पड़ताल करने के लिए अब
विश्वविद्यालय, स्थानीय हितधारकों के साथ चर्चा करने की योजना बना रहा है।
समीक्षा और संभावित क्रियान्वयन के लिए इस दस्तावेज़ को स्थानीय सरकार के
समक्ष भी प्रस्तुत किया जाएगा, जहां जागेश्वर धाम के लोगों की जरूरतों व
आकांक्षाओं के अनुरूप संशोधन व संवर्द्धन करने का आधिकारिक समर्थन मांगा
जाएगा।विश्वविद्यालय स्थानीय लोगों के साथ चर्चाओं में शामिल होने का
इरादा रखता है ताकि प्रस्तावित योजना पर प्रतिक्रिया जुटा सके। यह
प्रक्रिया इस सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखती है कि जगेश्वर धाम में किए
गए किसी भी संशोधन या सुधार समुदाय की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के साथ मेल
खाते हों। छात्र आशावादी हैं कि उनका दस्तावेज़ इस साइट पर विकास के लिए
उपयोगी आधार योजना प्रदान करेगा, जब भी यह संभावित हो।परियोजना के बारे
में बात करते हुए, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिज़ाइन में स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर
के डीन प्रोफेसर शालीन शर्मा ने कहारू “जागेश्वर धाम अपने विविधता भरे
ऐतिहासिक मंदिरों और अनोखे लैंडस्केप के लिए प्रसिद्ध है, जहां सदियों के
कालखंड में फैली स्थापत्य शैली देखने को मिलती है। इस परियोजना का लक्ष्य
यह है कि एक सहज परिवेश में फूलने-फलने वाले स्थानीय लोगों के बारे में
गहरी समझ पैदा की जाए, साथ ही इस स्थल के वास्तुशिल्प से जुड़े तत्वों पर
ध्यान केंद्रित करते हुए एक व्यापक अध्ययन किया जाए। छात्रों व शिक्षकों ने
समूचे मंदिर परिसर का बारीक विश्लेषण किया, तथा इसके ऐतिहासिक,
वास्तुशिल्प संबंधी और सांस्कृतिक पहलुओं का अध्ययन भी किया। हमने स्थानीय
समुदायों के नजरिए को समझने के लिए उनको अपने साथ जोड़ा और उनके इनपुट को
मास्टरप्लान में शामिल भी कर लिया है।“वर्ल्ड यूनिवर्सिटी ऑफ़ डिज़ाइन में
स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर के एसोसिएट प्रोफेसर रजत वर्मा ने बात को आगे बढ़ाते
हुए कहारू “जागेश्वर धाम के सांस्कृतिक महत्व को बढ़ाने, इसकी विरासत को
संरक्षित करने और स्थानीय समुदायों को लाभान्वित करने के लिए, हमारे
मास्टरप्लान ने उन्नत मार्गों और भू-दृश्यों का निर्माण करके मंदिर परिसर
का जीर्णाेद्धार करने की बात कही है ताकि इसके वास्तुशिल्प का वैभव उजागर
किया जा सके। सामुदायिक भागीदारी के लिए पंडाल और मार्केट स्टॉल जैसे
समर्पित स्थान, स्थानीय जुटान को प्रोत्साहित करेंगे। हमने स्थानीय पंडितों
के घर संरक्षित करने और देशी पेड़-पौधे प्रदर्शित करने वाला एक वनस्पति
उद्यान लगाने को तरजीह दी है। निर्दिष्ट पार्किंग, पर्यटक सुविधाएं और आवास
जैसी सुख-सुविधाएं, सुलभ व टिकाऊ पर्यटन को सुनिश्चित करेंगी।