पटना। सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें कहा गया था कि बगैर जमाबंदी व होल्डिंग के जमीन की खरीद-बिक्री नहीं हो सकती। जस्टिस पीएस नरसिम्हा एवं जस्टिस अरविंद कुमार की खंडपीठ ने समीउल्लाह की ओर से दायर एसएलपी (सीविल) पर सुनवाई की।
याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा और अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्रा एवं अंजुल द्विवेदी ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने 10 अक्टूबर 2019 को बिहार निबंधन नियमावली के नियम-19 में संशोधन कर नया नियम जोड़ गया था। उसके तहत जमीन की खरीद-बिक्री और दान तभी हो सकेगा, जब जमीन बेचने वाले व दान देने वाले के नाम से जमाबंदी/ होल्डिंग कायम हो। कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत सुनवाई के लिए अगली तारीख सितंबर में तय की है। उल्लेखनीय है कि पटना हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश राजीव राय की खंडपीठ ने राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2018 में निबंध नियमावली में लाए उस संशोधन को कानूनी रूप से सही ठहराया था, जिसके तहत किसी जमीन को बेचने या दान करने हेतु दस्तावेज का निबंधन तभी स्वीकृत होगा, जब विक्रेता अथवा दानकर्ता के नाम पर संबंधित जमीन का जमाबंदी/होल्डिंग संख्या का कोई कागजी सबूत हो। उल्लेखनीय है कि 10 अक्टूबर, 2018 को राज्य सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर बिहार निबंधन नियमावली के नियम-19 में संशोधन कर निबंधन पदाधिकारी को अचल संपत्ति की बिक्री/दान हेतु निबंधन कराने हेतु दस्तावेज को निबंधन करने से अस्वीकृत करने का अधिकार प्रदान किया था।