देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण ना मिलने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। प्रीतम सिंह उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संगठन के द्वारा आयोजित विशाल विरोध प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस मौके पर प्रीतम सिंह के साथ महामंत्री नवीन जोशी, राजेंद्र शाह,पूर्व राज्यमंत्री मनीष कुमार, याकूब सिद्दीकी,गिरीश कुनेरा, पूरन सिंह रावत, कैलाश ठाकुर, सुधीर सुनहरा, अध्यक्ष लालचंद शर्मा मौजूद थे। प्रीतम सिंह ने राज्य आंदोलनकरियांे को विश्वास दिलाया कि राज्य आंदोलनकारियों के हित में जो भी कदम उठाए गए वह कांग्रेस सरकार ने उठाए थे, और भविष्य में भी जब भी काग्रेस हुकूमत आएगी राज्य आंदोलनकारियों के सपनों और आकांक्षाओं के अनुरूप गैरसैंण को स्थाई राजधानी से लेकर आंदोलनकारियों के हित में तमाम कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि क्योंकि आरक्षण का बिल राज्यपाल के पास लंबित है, आरक्षण लंबित होने के कारण यह है मनसा पूरी ना हो सकी उन्होंने कहा कि जिस वक्त 2015 में आंदोलनकारी आरक्षण का विधेयक गैर सेंड विधानसभा सत्र में पास किया गया उस वक्त वहीं राज्य के गृहमंत्री थे और धीरेंद्र प्रताप आंदोलनकारी समान परिषद के अध्यक्ष थे और मुख्यमंत्री हरीश रावत की अध्यक्षता में विधानसभा में सर्वसम्मति से 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का बिल पास हुआ था, उनका कहा कि यह खेद का विषय है की डबल डीजल इंजन की सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों के सपने पर डाका डाल दिया, और 10 प्रतिशत आरक्षण पर राज्य सरकार की कैबिनेट और विधान विधान सभा का प्रस्ताव पिछले 5 सालों से राज भवन में लंबित बना हुआ है उन्होंने राज्यपाल बेबी मौर्य से अपील की कि वे राज्य आंदोलनकारियों की भावनाओं का सम्मान करें और जल्द इस विधेयक पर मोहर लगाकर राज्य आंदोलनकारियों को आरक्षण का लाभ दें। प्रीतम सिंह ने कहा कांग्रेश अपने द्वारा किए गए वायदों के लिए प्रतिबद्ध है और जैसे ही 2022 में कांग्रेस की सरकार आएगी हम अपने वायदे को पूरा करेंगे और इससे पहले भी विपक्षी दल के रूप में जब भी आंदोलनकारी सड़कों पर उतरेंगे हम कंधे से कंधा मिलाकर उनका सहयोग करेंगे।