देहरादून। प्रदेश की महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या द्वारा बाल विकास विभाग के अर्न्तगत “उत्तराखण्ड स्ट्रीट चिल्ड्रेन पुनर्वास नीति“ के सुझावों पर विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की गई। मंत्री ने राज्य के विभिन्न जनपदों विशेषकर मैदानी जनपदों के स्ट्रीट चिल्ड्रेनस के पुनर्वास, शिक्षा तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न बाल कल्याणकारी योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये।
मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य स्ट्रीट चिल्ड्रेनस के अभिभावकों की समय-समय पर काउंसलिंग की जाए तथा स्ट्रीट चिल्ड्रेनस को कौशल विकास तथा रोजगारपरक शिक्षा प्रदान की जाए। मंत्री ने सड़कों पर परित्यक्त, दिव्यांग, अनाथ, बाल श्रमिक, भिक्षावृत्ति करते हुए बच्चों का किस प्रकार बेहतर रखरखाव, शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके, इसके लिए आश्रय गृहों के निर्माण पर जिला प्रोविजन अधिकारियों के सुझावों पर चर्चा की।
मंत्री ने स्ट्रीट चिल्ड्रेन पुनर्वास से जुड़े हुए सभी विभागों तथा इस दिशा में कार्य कर रही सभी गैर सरकारी संस्थाओं के संयोजन से बेहतर नीति बनाने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जल्द से जल्द स्ट्रीट चिल्ड्रेन पुनर्वास नीति के ड्राफ्ट को पूर्ण किया जाए। इस अवसर पर बैठक में सचिव महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास हरि चन्द्र सेमवाल, निदेशक महिला कल्याण प्रदीप सिंह रावत, विभिन्न जिलों के डीपीओ तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।