रूद्रप्रयाग। एनआईटी (राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान) उत्तराखंड के इंजीनियर रुद्रप्रयाग और चमोली जिले में ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे के भूस्खलन और भूधंसाव के ट्रीटमेंट के उपाय ढूंढेंगे। संस्थान ट्रीटमेंट के उपाय सहित इस पर आने वाले खर्चे की रिपोर्ट राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) नई दिल्ली को सौंपेगा।
एनएचआईडीसीएल केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधीन कार्यदायी एजेंसी है। यह एजेंसी पूर्वाेत्तर राज्यों, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम कर रही है। इसके तहत चौड़ीकरण और सुधारीकरण कार्य हो रहा है। कुछ स्थानों में चौड़ीकरण और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों के सुधारीकरण में आ रही दिक्कतों के समाधान के लिए एनएचआईडीसीएल ने गत अक्तूबर में एनआईटी उत्तराखंड के साथ करार (एमओयू) किया था। इसी के तहत एनआईटी के इंजीनियरों की टीम एनएचआईडीसीएल की ओर से चिह्नित स्थानों का अध्ययन करेगी। संस्थान को 10 दिन में रिपोर्ट देनी है। संस्थान के निदेशक प्रो. ललित कुमार अवस्थी ने बताया कि एमओयू के अंतर्गत दोनों संस्थान राजमार्ग नेटवर्क इंजीनियरिंग और अन्य बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में नई अवधारणाओं और प्रौद्योगिकी पर जानकारी साझा करेंगे।