विकासनगर। सहकारी बैंक के चतुर्थ श्रेणी बर्खास्त कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी से मुलाकात कर बैंक में अपनी सेवाएं यथावत रखने का आग्रह किया। नेगी ने कर्मियों को इंसाफ दिलाने हेतु सरकार के समक्ष कर्मियों का पक्ष रखने व न्यायालय में मामले को ले जाने का भरोसा दिलाया। कर्मियों ने बताया कि वर्षों से सहकारी बैंकों में संविदा गत व अन्य माध्यमों से अपनी सेवाएं दे रहे कर्मियों को स्वीकृत पदों के सापेक्ष सर प्लस होने के कारण बाहर का रास्ता दिखाया गया, जिसको लेकर न्यायालय की शरण ली, लेकिन कोई राहत नहीं मिल पाई। सरकार द्वारा पूर्व में जनपद देहरादून में चतुर्थ श्रेणी के 57 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की थी। बैंक में स्वीकृत 76 पदों के सापेक्ष 115 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिसके आधार पर यह कार्रवाई की गई। मोर्चा महासचिव आकाश पंवार ने कहा कि नियुक्ति प्रक्रिया में बहुत बड़े पैमाने पर हुई जालसाजी जगजाहिर होने के बावजूद भी विभाग द्वारा जालसाजी व अन्य माध्यमों से नौकरी पाए लोगों को जॉइनिंग करा दी गई, जबकि अप्रैल 2022 को सरकार द्वारा जांच कमेटी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट कमेटी द्वारा शासन को सौंप दी गई थी, लेकिन रिपोर्ट धूल फांक रही है द्य सरकार को चाहिए था कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के पश्चात गुण-दोष के आधार पर कर्मियों के मामले में कार्रवाई करती। प्रतिनिधिमंडल में बृजेश्वरी रावत, रीना उनियाल, नरेश रमोला, संजय कुमार, वीरेंद्र सजवान, मंजू पुंडीर, ममता बिष्ट, चंद्र लता, नवीन बोरा, कन्हैया, धर्मानंद बडोनी, अरुण कुमार मौजूद थे।