देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसरो के वैज्ञानिकों को चंद्रयान के चांद पर सफल लैंडिग की बधाई दी है।। उन्होंने कहा कि हम बचपन में सुना करते थे कि चंदा मामा दूर के लेकिन इस सफलता के बाद अब चंदा मामा भी हमारे पास के हो हो गए। चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर होने वाली लैंडिंग पर देश और दुनिया की नजरें लगी थी। भारत को चांद पर सफलता मिल गई है। चंद्रयान-3 ने चांद की सतह पर उतर कर इतिहास रच दिया है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रूव पर सफलतापूर्वक उतरने वाला भारत पहला देश बन गया है।चंद्रमा पर विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद प्रज्ञान रोवर उसमें से निकलेगा और चंद्रमा की सतह पर घूमकर शोध करेगा और जानकारी जुटाएगा। 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले चंद्रयान-3 ने अपनी 40 दिनों की लंबी यात्रा पूरी की है.
इसरो के बताए गए विवरण के मुताबिक, चंद्रयान-3 के लिए मुख्य रूप से तीन उद्देश्य निर्धारित हैं। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रूव पर लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराना, चंद्रमा की सतह कही जाने वाली रेजोलिथ पर लैंडर को उतारना और घुमाना लैंडर और रोवर्स से चंद्रमा की सतह पर शोध कराना आदि है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे परिवारजनों जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं, जीवन धन्य हो जाता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। ये पल अविस्मरणीय है। ये क्षण अभूतपूर्व है। ये क्षण विकसित भारत के शखनांद का है। ये क्षण नए भारत के जय घोष का है। ये क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। ये क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। ये क्षण 140 करोड़ धड़कनों के सामर्थ् का है। ये क्षण भारत में नई ऊर्जा नई चेतना का है।”
उन्होंने कहा,“इसरो ने वर्षों तक इस पल के लिए इतना परिश्रम किया है। मैं 140 करोड़ देशवासियों को बधाई देता हूं।”
“हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम और प्रतिभा से चंद्रमा के उस दक्षिणी ध्रूव तक पहुंचा है, जहां दुनिया का कोई देश भी नहीं पहुंच सका है। अब चांद से जुड़े मिथक बदल जाएंगे और कथानक बदल जाएंगे, नई पीढ़ी के लिए कहावतें भी बदल जाएगी।