नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के चहेते नवनीत कालरा और चीन के संबंधों की सीबीआई जांच होनी चाहिए यह केवल संयोग नहीं है एक प्रयोग है जो भारत सरकार को बदनाम करने के लिए، भारत में कोरोना वायरस फैलाने के लिए، विश्व बिरादरी में भारत को नीचा दिखाने के लिए और चाइना से दुनिया का ध्यान हटाने के लिए भारत में कोरोना की दूसरी और तीसरी लहर को प्रायोजित किया गया۔ यह आरोप राष्ट्रीय रोजगार पार्टी के दिल्ली प्रदेश सचिव राकेश सिंह ने लगाए तथा केंद्र सरकार से सीबीआई जांच की मांग की उन्होंने कहा कि मेरी चिंता केवल यह नहीं है कि संजीव खन्ना , गगन दुग्गल और नवनीत कालरा के विभिन्न ठिकानों से एक हजार के करीब ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स जब्त किये गए ।
मेरी असली चिंता यह है कि मैट्रिक्स सेलुलर नामक उनकी कम्पनी ने अक्टूबर 20 से फरवरी 21 के बीच चीन से 5000 कंसेंट्रेटर्स मँगा कर क्यों जमा किये थे ? क्यों भाई , उस समय तक तो कोविड इस रूप में पुनः आयेगा , कोई नहीं जानता था । क्या उनकी चीन से कोई दुरभि संधि थी और म्युटेंट वायरस भी चीन के देन है ? सेलुलर कम्पनी का कंसेंट्रेटर्स का क्या लेना देना ? कोई बहुत बड़ी साजिश है यह भारत के विरुद्ध । इस सवाल का जवाब केजरीवाल , राहुल गाँधी और सोनिया गाँधी से पूछा जाना चाहिए य क्योंकि कालरा इन सबका बड़ा चहेता है।
उन्होंने खुलासा किया कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए की चायनीज मोबाइल बेचने वालों के पास बहुत बड़ी मात्रा में चायनीज ऑक्सीमीटर भी आये हैं । क्या यह देश के विरुद्ध कोई साजिश है ? उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य बात नहीं है कि दिल्ली में एकाएक इस तरह का वातावरण बना कि चारों ओर हाय हाय मचनी शुरू हो गई .विज्ञापन के दम पर मीडिया को मैनेज करने वाले हर 2 मिनट में हर चैनल पर विज्ञापन देने वाले केजरीवाल सरकार के मंत्रियों विधायकों की कालाबाजारी करने वालों से से सांठगांठ खुलेआम चल रही है इसकी भी सीबीआई जांच होनी चाहिए।