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मांगों को लेकर राजकीय शिक्षक संघ ने किया धरना-प्रदर्शन

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-धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शामिल हुए शिक्षक

देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ के धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम में शिक्षक बढ़ी संख्या में शामिल हुए। एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान, महामंत्री रमेश पैन्यूली, संरक्षक दिनेश नौटियाल, उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी, संयुक्त मंत्री जगदीश बिष्ट, कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सजवान, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, मंत्री डॉ हेमंत पैन्यूली कुमाऊँ मंडल अध्यक्ष डॉ गोकुल मरतोलिया मंडलीय मंत्री रविशंकर गोसाई प्रांतीय संपादक नवेंदु मठपाल दोनों मंडलों के समस्त पदाधिकारीकरण एवं 13 जिलों के जिला अध्यक्ष मंत्रियों के साथ-साथ सैकड़ो की संख्या में शिक्षक मौजूद रहे। धरना, प्रदर्शन के अंत में शिक्षा निदेशक को 5 जुलाई से चौक डाउन का ज्ञापन सौंपा गया।
राजकीय शिक्षक संघ हरिद्वार की संपूर्ण कार्यकारिणी जिला अध्यक्ष लोकेश कुमार जिला मंत्री विवेक सैनी व उनकी संपूर्ण कार्यकारिणी ने बड़ी संख्या में शिक्षकों के साथ धरने में सहभागिता की। एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम को उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन की प्रांतीय कार्यकारिणी की ओर से हरिद्वार जिले जिला अध्यक्ष ललित मोहन जोशी उत्तरकाशी जिला के जिला अध्यक्ष अजय सिंह रावत एवं आयुष विभाग के प्रांतीय महामंत्री विजय पाल पायल ने भी पूर्ण समर्थन दिया।
राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड की प्रांतीय कार्यकारिणी के नेतृत्व में शिक्षा निदेशालय देहरादून में हुए धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में ऐलान किया गया कि यदि 5 जुलाई तक सभी स्तरों की पदोन्नति सूची जारी नहीं की गई एवं स्थानांतरण की प्रक्रिया पूर्व की भांति सुचारू नहीं की गई तो राजकीय शिक्षक 5 जुलाई से चौक डाउन हड़ताल करने को बाध्य होगा। शिक्षा निदेशालय कार्यालय पर हुए धरना प्रदर्शन को संबोधित करते हुए प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह ने चौहान ने कहा कि पिछले अनेक आंदोलनों के बाद संगठन को अनेक बार आश्वासन मिल चुका है,पर हमारे साथ हर बार धोखा हुआ है ,पर अब हम सिर्फ आश्वासन से नहीं मानेंगे। शिक्षक संघ अंतिम लड़ाई लड़ने को तैयार है। प्रांतीय महामंत्री रमेश पैन्यूली ने कहा पदोन्नति एवं स्थानांतरण हर हाल में होना आवश्यक है। शिक्षकों की बहु प्रतिक्षित लंबित मार्ग को अनेकों बार रोका गया है जो कि शिक्षकों के साथ छलावा है मांगे यथाशीघ्र न मानी गई तो समस्त शिक्षक पूर्ण रूपेण कार्य बहिष्कार के लिए बाध्य होंगे जिसका जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी सरकार शासन एवं विभाग की होगी।

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Author: Dobry News

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