घाना। पश्चिमी अफ्रीकी देश घाना के दौरे पर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति महामा से मुलाकात की। दोनों के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर विस्तार से बातचीत हुई। पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग के लिए घाना का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश ‘एकजुटता के माध्यम से’ सुरक्षा का मंत्र लेकर आगे बढ़ेंगे। जानिए पीएम मोदी ने घाना और भारत के संबंधों पर और क्या बातें कहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के बीच वार्ता के बाद भारत और घाना ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति महामा और उन्होंने भारत और घाना की द्विपक्षीय साझेदारी को व्यापक बनाने का दर्जा देने का निर्णय लिया है। बता दें कि पीएम मोदी नौ जुलाई तक घाना, त्रिनिदाद-टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान छह और सात जुलाई को ब्राजील में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इससे वैश्विक दक्षिण के देशों से भारत के संबंधों को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।
भारत घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री
घाना के राष्ट्रपति महामा के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है। उन्होंने कहा, हमने अगले पांच वर्षों में भारत-घाना व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में घाना के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा, हमने आतंकवाद से निपटने में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति महामा के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में हम ‘एकजुटता के माध्यम से सुरक्षा’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत और घाना के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा। घाना के राष्ट्रपति महामा के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, दोनों देश पश्चिम एशिया और यूरोप की स्थिति पर गंभीर रूप से चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है, समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति से होना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के बीच वार्ता के बाद भारत और घाना ने चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति महामा और उन्होंने भारत और घाना की द्विपक्षीय साझेदारी को व्यापक बनाने का दर्जा देने का निर्णय लिया है। बता दें कि पीएम मोदी नौ जुलाई तक घाना, त्रिनिदाद-टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की यात्रा पर रहेंगे। इस दौरान छह और सात जुलाई को ब्राजील में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इससे वैश्विक दक्षिण के देशों से भारत के संबंधों को नया आयाम मिलने की उम्मीद है।
भारत घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री
घाना के राष्ट्रपति महामा के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, भारत घाना के राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है। उन्होंने कहा, हमने अगले पांच वर्षों में भारत-घाना व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है।
पीएम मोदी ने कहा कि हम आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में घाना के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा, हमने आतंकवाद से निपटने में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया है। राष्ट्रपति महामा के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में हम ‘एकजुटता के माध्यम से सुरक्षा’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत और घाना के बीच सहयोग बढ़ाया जाएगा। घाना के राष्ट्रपति महामा के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, दोनों देश पश्चिम एशिया और यूरोप की स्थिति पर गंभीर रूप से चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि यह युद्ध का युग नहीं है, समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति से होना चाहिए।
