नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना के कारण बाधित हुई शिक्षा को पटरी पर लाने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा नर्सरी से आठवी तक के छात्रों की इस वर्ष वार्षिक परीक्षाएं नहीं आयोजित होंगी। शिक्षा निदेशालय ने इस संबंध में बुधवार को परिपत्र जारी करते हुए कहा कि आठवी तक के छात्रों को एक भी कक्षाएं ऑफलाइन माध्यम से नहीं हुई हैं ऐसे में छात्रों को बिना परीक्षा लिए ही अगली कक्षा में पदोन्नत किया जाएगा।
निदेशालय के मुताबिक छात्रों का मूल्यांकन विषयवार प्रोजेक्ट और वर्कशीट के आधार पर होगा। निदेशालय ने बताया कि तीसरी से आठवीं तक के छात्रों का मूल्यांकन 100 अंकों के आधार पर होगा। इसके लिए उनको 1 से 15 मार्च के बीच प्रोजेक्ट कार्य दिया जाएगा। प्रोजेक्ट कार्य के अंको के साथ-साथ शीतकालीन अवकाश के दौरान दिए गए कार्य और वर्कशीट के भी अंक जोड़े जाएंगे। वहीं नर्सरी से कक्षा दो तक के छात्रों को शीतकालीन अवकाश और लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से दिए गए कार्य या वर्कशीट के आधार पर ग्रेड देकर पदोन्नत किया जाएगा। वहीं, 31 मार्च तक छात्रों का परिणाम जारी किया जाएगा। निदेशालय द्वारा नर्सरी से आठवीं तक के छात्रों को पदोन्नत करने का फैसला केवल इस शैक्षणिक सत्र के लिए किया गया है। निदेशालय ने स्पष्ट किया कि इस मूल्यांकन का उद्देश्य वैकल्पिक पठन-पाठन के तरीके के प्रभाव को समझना है।