बीजिंग। लाल ग्रह की सतह पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के यान (पर्सिवेरेंस) के उतरने के बाद अब चीन से भी एक अच्छी खबर आई है। मंगल ग्रह पर जारी शोध-अनुसंधान के क्रम में चीन ने दावा किया है कि उसका अंतरिक्ष यान श्तियानवेन-1श् मंगल ग्रह के पार्किंग ऑर्बिट में प्रवेश कर गया है। यह एक अस्थाई कक्षा होती है, जहां से यान अपनी अंतिम यात्रा शुरू करेगा। आगामी महीनों में चीन लाल ग्रह यानी मंगल पर अपने रोवर को उतारने का प्रयास करेगा।
चीनी अंतरिक्ष एजेंसी चाइना नेशनल स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (सीएनएसए) ने कहा कि उसके अंतरिक्ष यान ने बुधवार सुबह बीजिंग के समयानुसार मंगल की कक्षा में खुद को स्थापित करने के लिए प्रयास किया, जिसमें वह सफल रहा। अब इस नई कक्षा में यह अगले तीन महीने तक रहेगा। उसके बाद मई में लाल ग्रह की सतह पर लैंड करने का प्रयास करेगा।सीएनएसए ने कहा कि अगले तीन महीने तक तियानवेन-1 मंगल की सतह की मैपिंग करेगा। अपने हाई रेजॉल्यूशन कैमरों और अन्य सेंसर्स की मदद से यान मंगल का डाटा एकत्र करेगा ताकि लैंडिंग साइट निर्धारण हो सके।
उल्लेखनीय है कि तियानवेन-1 मंगल की कक्षा में ऐसे समय में पहुंचा है, जब पिछले गुरुवार को ही अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का रोवर पर्सिवेरेंस लाल ग्रह के जेजीरो क्रेटर के पास लैंड हुआ है। इसका मकसद इस प्राचीन नदी डेल्टा के पास सूक्ष्म जीवन (माइक्रोस्कोपिक लाइफ)की तलाश करना है। यदि चीन तियानवेन-1 को सफलतापूर्वक मंगल की सतह पर उतार देता है, तो वह अमेरिका के बाद दूसरा ऐसा देश होगा, जिसने मंगल की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारा है। सौर ऊर्चा संचालित चीन का यह वाहन एक गोल्फ कार्ट के आकार का है। यह मंगल में पानी की मौजूदगी का पता लगाने के साथ-साथ ऐसे सुबूत खोजेगा कि क्या यहां कभी सूक्ष्म जीवन रहा है या नहीं। तियानवेन अंतरिक्ष यान को यह नाम एक प्राचीन कविता के नाम पर दिया गया है। इसका अर्थ- स्वर्गीय सत्य की खोज है।