हरिद्वार। फायर सीजन के बाद से ही उत्तराखंड में जंगलों के धधकने का सिलसिला जारी है। हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर से सटे जंगल में शुक्रवार दोपहर आग भड़कने से अफरातफरी मच गई। वन विभाग के फायर फाइटर्स ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। घटनास्थल से चंद कदम की दूरी पर ही रिहायशी इलाका है। गनीमत रही कि आग से किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई।
हरिद्वार में कुंभ की सरगर्मियां जारी हैं। ऐसे में यहां देश-विदेश से श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन करने भी पहुंच रहे हैं। शहर के चंद किलोमीटर की दूरी पर स्थित मनसा देवी मंदिर भी इन दिनों भक्तों से गुलजार है। शुक्रवार को मंदिर और आसपास के इलाकों में तब हड़कंप मच गया, जब पास ही जंगल में आग लग गई। सूचना पर राजाजी टाइगर रिजर्व के फायर फाइटर्स ने आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हरिद्वार रेंज के रेंजर विजय सैनी ने बताया कि आग पूरी तरह से जंगल में न होकर मनसा देवी मंदिर की पहाड़ी के निचले हिस्से में करीब 30 मीटर क्षेत्र में लगी। घटनास्थल के पास ही बस्ती है। संभवत बस्ती के ही किसी व्यक्ति की भूल से आग लगी होगी। बताया कि वनों से सटे क्षेत्रों रहने वाले व्यक्तियों को विभाग के फोन नंबर उपलब्ध कराए गए हैं। ताकि आग की घटना घटित होने पर वह तुरंत सूचना दे सकें। यही नहीं वॉच टॉवर से भी निगाह रखी जा रही है। इस साल की शुरुआत के साथ ही जंगल की आग की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। खासकर 15 फरवरी को फायर सीजन शुरू होने के बाद से उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में जंगल सुलग रहे हैं। इस वर्ष अब तक 475 बार जंगल की आग की घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें से 312 घटनाएं गढ़वाल और 157 घटनाएं कुमाऊं में घटित हुई हैं। इसके अलावा वाइल्डलाइफ डिपार्टमेंट के तहत आने वाले क्षेत्रों में भी छह घटनाएं हो चुकी हैं। इनमें कुल 563.82 हेक्टयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। जबकि, 8920 पेड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा है। वहीं, जनवरी से अब तक प्रदेश में जंगल की आग के कारण दो व्यक्ति घायल और चार की मौत भी हो चुकी है।