देहरादून। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा हार्टफुलनेस के मार्गदर्शक एवं रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश पटेल (दाजी) ने 100 दिनों के योग एवं ध्यान के अभ्यास के द्वारा वैश्विक समुदाय को और अधिक स्वस्थ एवं सुखी जीवन हेतु एक साथ लाने के उद्देश्य से ‘योग- एकता तथा कुशल क्षेम के लिए’ की पहल का शुभारम्भ किया। इस पहल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दर्शाने पतंजलि योग पीठ से योग-ऋषि बाबा रामदेव, आयुष मंत्रालय के सचिव राजेश कोटेचा तथा स्वामी विवेकानंद योग अनुसन्धान संस्थान के संस्थापक कुलपति डा एच आर नागेन्द्र भी उपस्थित थे।पूरे विश्व के लोग हर सुबह इस आभासी-सत्र में ‘योग- एकता तथा कुशल क्षेम के लिए’ के बैनर तले एकत्र होकर सैकड़ों वर्ष से मान्य योग के शीर्ष संस्थानों के प्रशिक्षकों के निर्देशानुसार आसन सीख सकेंगे। हर बुधवार एवं शनिवार को प्रतिभागी इसके अतिरिक्त वार्ताओं की श्रृंखला भी सुन सकेंग। पूज्य दाजी प्राणाहुति(जीवन ऊर्जा) के द्वारा कार्यक्रम के लाभार्थियों को रूपांतरण का अनुभव देने वाले ध्यान के विशिष्ट सत्रों का संचालन करेंगे। इस श्रृंखला का समापन सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन होगा।
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने सन्देश में कहा, “मैं स्वामी रामदेव जी, डा. एच आर नागेन्द्र, कमलेश पटेल (दाजी) तथा अन्य योग गुरु, जो अपनी विशिष्ट प्रभावशाली शैली से कार्यक्रम के लाभार्थियों की मदद करेंगे, की हार्दिक सराहना करता हूँद्य” उन्होंने आगे कहा कि “दुनिया विज्ञान और तकनीक की मदद से ही आगे बढ़ती है, मानव जाति और प्रकृति के बीच सतत रूप से एक संतुलन बहाल किये जाने की बहुत जरुरत है। योग के अनुसार स्वास्थ्य की संकल्पना, शारीरिक स्वास्थ्य से कहीं आगे बढ़कर है। योग समग्र स्वास्थ्य का एक ऐसा तरीका है जो शारीरिक और मानसिक दोनों क्षमताओं का रखता हैद्य इसके परिणाम स्वरुप हमें मनोवैज्ञानिक दबावों और शारीरिक तकलीफों दोनों से छुटकारा मिलता है। इससे अत्यंत उच्च स्तर की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती हैद्य योग आत्मिक शांति का मार्ग भी है, और यह किसी एक धर्म या क्षेत्र के लोगों से नहीं जुड़ा है बल्कि पूरे विश्व और सम्पूर्ण मानवता से जुड़ा है।”