टनकपुर। दिल्ली से टनकपुर आ रही पूर्णागिरि जन शताब्दी एक्सप्रेस (05326) टनकपुर स्टेशन पर पहुंचने से पहले होम सिग्नल नंबर तीन के पास अचानक विपरीत दिशा में चलने लगी। जिससे रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। वहीं, ट्रेन को उल्टा चलता देख यात्रियों में भी हड़कंप मच गया। बताया जा रह है कि शाम करीब चार बजे होम सिग्नल के पास एक पशु के ट्रेन की चपेट में आकर कटने के बाद यह घटना हई। सूचना पर आनन-फानन क्रॉसिंग गेटों को बंद करने के आदेश दिए गए। बनबसा में पत्थर लगाकर ट्रेन रोकने की कोशिश की गई, लेकिन ट्रेन नहीं रुकी।
बताया जा रहा कि खटीमा-चकरपुर के बीच गेट संख्या 35 के पास ट्रेन को रोकने में सफलता मिली। सही समय पर ट्रेन रुक गई वरना बड़ा हादसा हो सकता था। बनबसा रेलवे स्टेशन अधीक्षक अमरेंद्र सिंह ने बताया कि इंजन के बैक होने की कंट्रोल रूम को सूचना मिलते ही बनबसा और फागपुर में रेलवे कॉसिंग गेट बंद करा दिए गए थे। सभी यात्री सुरक्षित हैं। गाड़ी के कोचों के बीच का प्रेशर पाइप लीक होने से गाड़ी के ब्रेक ने काम करना बंद कर दिया था। जिस वजह से गाड़ी खटीमा की तरफ ढलान होने के कारण वापस चलने लगी। रेलवे द्वारा घटना के कारणों की जांच की जा रही है। इज्जतनगर मण्डल के पीआरओ राजेन्द्र सिंह ने बताया कि घटना की जांच के लिए तीन ए ग्रेड ऑफिसरों की टीम गठित की गई है। जांच में घटना के लिए दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कारवाई की जाएगी। उत्तराखंड में सीमांत के लोगों के लिए पूर्णागिरि जनशताब्दी एक्सप्रेस का संचालन 26 फरवरी से हुआ था। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने वर्चुअल माध्यम से दोपहर 1.25 बजे टनकपुर स्टेशन से इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। एक्सप्रेस में टनकपुर से दिल्ली तक का सफर पौने दस घंटे का है, वहीं यात्रियों को चेयर में बैठे-बैठे सफर तय करना होत है। जन शताब्दी एक्सप्रेस में 12 चेयरकार कोच हैं। आठ चेयरकार कोचों के अलावा दो एसी (वातानुकूलित) चेयरकार कोच तो दो जनरेटर चेयरकार कोच हैं।