गाजियाबाद। गाजियाबाद के डासना शक्तिपीठ के महंत नरसिंहानंद सरस्वती को चुनौती देकर जबरन मंदिर में घुसकर मंदिर का बोर्ड उतारने की धमकी देने वाले बसपा विधायक के खिलाफ हजारों लोगों ने न केवल विरोध दर्ज कराया बल्कि विधायक पर साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाडने का आरोप लगाया। विवाद की वजह मंदिर में घुसकर शिवलिंग को अपवित्र करने पर मंदिर के सेवादार द्वारा दो तीन तमाचे मारने की घटना हुयी थी जिसपर पुलिस कार्यवाही हुयी। विधायक ने इसे अपनी खुन्नस निकालने का अवसर जाना क्योंकि पिछले वर्ष मंदिर में घुसकर महिलाओं को छेडने पर विधायक के बेटे को मंदिर कमेटी ने पीटा था। जिससे विधायक खासा नाराज था। विधायक ने जुमे की नमाज के बाद खुद मंदिर जाकर मंदिर का बोर्ड उतारने की चुनौती दी थी जिसका वीडियो वायरल हुआ। जिस पर प्रशासन ने न केवल धारा 144 लगायी साथ ही शाँति व्यवस्था से खिलवाड करने की साजिश रचने वालों को चेतावनी भी दी। पूरे मामले पर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज के स्तर पर दंगाईयों पर कडी कार्यवाही करने और प्रदेश में कानून का राज स्थापित करने का स्पष्ट निर्देश था। जिसे स्थानीय प्रशासन ने पूर्णतः लागू किया जिसके लिए जिलाधिकारी,एएसपी, एसडीएम,कोतवाल बधाई के पात्र हैं। गौरतलब है कि 95 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले डासना कस्बे में हिंदुओं को आये दिन मुस्लिम समुदाय द्वारा प्रताडित किया जा रहा है, शमशान घाट पर भी अवैध कब्जा किया गया और भी समस्याओं पर यति नरसिंहानंद लगातार आवाज उठा रहे हैं। जिससे हिंदू विरोधी शक्तियाों में बेचैनी है। प्रदेश में कानून का राज होने से अपराधी तत्व या तो जेल में है या बिलों में ,जिसके लिए आम जनता में योगी सरकार का इकबाल बुलंद है।